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Friday 3 June 2016

जून माह का आकलन एवं भविष्यवाणी

डा. दिलीप सिंह एडवोकेट
जून माह बेहद गर्म एवं उमस भरा रहेगा। मई महीना जितना ही अशांत, बादल वर्षा वाला एवं ठण्डा रहा, जून माह उतना ही उग्र, भीषण गर्मी एवं ताप लहर वाला सिद्ध होगा। इस महीने एकाध भीषण आंधियों एवं समुद्र में एक चक्रवात उठने की संभावना है। 5 जून तक सारा भारत फिर से आग की तपती भट्ठी की तरह दहकन लगेगा। तापमान फिर से 45-51 डिग्री के महाभयानक स्तर पर पहुंच जायेगा। जौनपुर सहित उत्तर प्रदेश में भी तापमान 43-47 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच जायेगा। जहां तक मानसून का प्रश्न है तो इसका सामान्य समय 31 मई से 7 जून तक है। इस वर्ष भारत में मानसून 5-9 जून को केरल में, 9-14 तक कर्नाटक व महाराष्ट्र में, 14-19 तक गुजरात, मध्य भारत, बंगला, बिहार उड़ीसा में और 19-25 तक उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत में पहुंचकर 5 जुलाई को भारत पार कर लेगा। जून में सामान्य से अच्छी वर्षा जबकि जुलाई व अगस्त में भारी से बहुत भारी वर्षा के जबर्दस्त याोग है। बीच-बीच में सूखा एवं अवर्षण के योग भी हैं। 3 चौथाई भारत बाढ़, वर्षा, भूस्खलन, बादल के फटने, तेज हवा, चक्रवातों एवं विद्युत से जबकि एक चौथाई भारत सूखा व अवर्षण से आक्रांत रहेगा। इस वर्ष 100-115 प्रतिशत तक मानसूनी वर्षा का योग है जो देश में सुख-समृद्धि व खुशहाली लायेगा। भारत के अलावा बांग्लादेश, दक्षण-पूर्वी एशिया, नेपाल, श्रीलंका, चीन, जापान, क्यूबा, हवाई द्वीप में भीषण वर्षा एवं प्रलयंकारी तूफानों, ताइफूनो, हरीकेनो, टारनेडो आदि का योग है। नदियों में प्रबल बाढ़ आयेगी जबकि चीन, मध्य यूरोप, उत्तर भारत, गुजरात, बिहार, असम घाटी, बंगाल तथा उत्तर भारत के अनेक भागों सहित कई रेगिस्तानी इलाकों में बाढ़ एवं मिट्टी के कटान से हाहाकर मच जायेगा। अमेरिका एवं ब्राजील में भी महाभयंकर बाढ़ के संकेत हैं। प्रचुर वर्षा से फसलें उत्तम होंगी। साधारण संवत्सर ग्रहयोग प्रभाव एवं सूर्य पर चल रही क्रियाओं और राजा शुक्र तथा मेधेश बुध के प्रभाव से विश्व भर में प्रचुर वर्षा होगी। हिंसा, आतंकवादी घटनाएं, दुर्घटनाएं बढ़ेंगी और कहीं-कहीं युद्ध छिड़ सकता है।

लेखक के अपने विचार हैं।

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