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Wednesday 22 June 2016

शोध में साहित्यिक चोरी अपराध

शोध प्राविधि एवं कम्प्यूटर एप्लीकेशन विषयक कार्यशाला आयोजित
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय परिसर स्थित कान्फेंन्स हाल डा. राजनारायण गुप्ता, डा. यूपी सिंह एवं विवेकानन्द केन्द्रीय पुस्तकालय में बुधवार को शोध प्राविधि एवं कम्प्यूटर एप्लीकेशन विषयक आयोजित कार्यशाला में समानान्तर तकनीकी सत्रों का आयोजन हुआ। बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ में प्रबंध अध्ययन संकाय के प्रो. खुशेन्द्र मिश्र ने कहा कि तकनीकी के इस युग में साहित्यिक चोरी करने वाले बच नहीं पायेंगे। शोध में साहित्यिक चोरी अपराध हैं, जो दण्डनीय है। उन्होंने कहा कि शोधपत्र एवं शोध प्रबंध अब आनलाइन हैं। ऐसे में फर्जीवाड़ा नहीं चल पाएगा। उन्होंने शोध में मौलिकता बनाए रखने पर जोर दिया।
बीएचयू के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रो. एके राय ने पीएचडी शोध प्रबंध लेखन हेतु वैज्ञानिक लेखन और प्रकाशन पर विस्तृत रूप से चर्चा की। उन्होंने कहा कि शोध कौशल, विकास, सहयोग, साहित्य तथा आकड़ों का सम्यक उपयोग करने वाला ही शोधार्थी सफल है।
बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ में प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रो. देवेश कुमार राय ने कहा कि उपयोगी साहित्य की खोज करना समुद्र में मोती खोजने के समान है। उन्होंने शोध में कम्प्यूटर की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। बीएचयू के समाजशास्त्र विभाग के प्रो. एके जोशी ने कहा कि फील्ड वर्क करने वाले विद्यार्थियों को संचार, स्थान और समय सीमा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने शोध के विविध आयामों, आकड़ो के संग्रहण एवं शोध प्राविधि पर प्रकाश डाला। 
तकनीकी सत्र को सम्बोधित करते हुये मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद के विभागाध्यक्ष डा. तनुज नन्दन एवं डा. विभूति त्रिपाठी ने शोध विधियों में एस.पी.एस.एस. के उपयोग, उपयोगिता एवं आंकडों के विश्लेषण के महत्व पर चर्चा की। वक्ताद्वय ने बताया कि किस प्रकार से जटिल आकड़ो को इस साफ्टवेयर द्वारा संश्लेषित किया जाता है। बीएचयू के डिप्टी लाईब्रेरियन डा. विवेकानन्द जैन ने शोध हेतु पुस्तकों की महत्ता एवं उनकी उपयोगिता पर चर्चा की।
मानद पुस्तकालयाध्यक्ष डा. मानस पाण्डेय ने जर्नल, टेक्स्ट बुक्स, रिफरेंसबुक्स तथा इडिटेड किताबो के जरिये शोध हेतु विद्यार्थियों को विस्तृत व्याख्यान दिया। कार्यशाला समन्वयक एवं तिलकधारी पीजी कालेज के पूर्व प्राचार्य डा. यूपी सिंह ने शोधार्थियों को शोध प्रबंध लेखन एवं अर्थशास्त्र विभाग के डा. अरूण कुमार सिंह ने शोधार्थियों को डाटा संग्रहण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।
इस अवसर पर डा. राकेश सिंह, उप कुल सचिव संजीव सिंह, डा. रामनारायण, डा. मुराद अली, डा. मनोज मिश्र, डा. रशिकेश, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. अवध बिहारी सिंह, डा. सुनील कुमार, ऋषि श्रीवास्तव, डा. आलोक दास, डा. सुशील सिंह, डा. आलोक सिंह, डा. विद्युत कुमार मल, अनिल श्रीवास्तव, श्याम श्रीवास्तव, अवधेश प्रसाद, आनन्द सिंह, पंकज सिंह सहित विश्वविद्यालय के शोधार्थी एंव प्रतिभागी मौजूद रहे। संचालन संकायाध्यक्ष डा. एच.सी. पुरोहित, स्वागत आयोजन सचिव डा. वन्दना राय द्वारा एवं आभार डा. आशुतोष सिंह द्वारा किया गया।

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