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Tuesday 21 June 2016

चर्चा-ए-आम बने हुये हैं केराकत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्साधिकारी

आर.एस. यादव
केराकत, जौनपुर (सं.) 21 जून। चिकित्सक जिसे धरती का भगवान कहा जाता है, यदि यही असुरक्षित महसूस करे तो आप इन्हें क्या कहेंगे? जी हां, यहां हम बात करने जा रहे हैं केराकत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. एके सिंह की जो स्वास्थ्य केन्द्र में कमर में पिस्टल खोंस करके बैठते हैं। अक्सर कई मरीज तो इन्हें देख ही उल्टे लौट आते हैं।
लोगों में व्याप्त चर्चाओं पर गौर करें तो इनकी नैतिकता भरी बातें तो खूब होती हैं लेकिन इनकी इन बातों से मरीजों को कितना लाभ होता है, यह मरीजों को रेफर करने के अनुपात और बाहर से दवा लिखे जाने की पर्ची से पता चल जाता है। अपनी कार्यप्रणाली को लेकर खासे चर्चित प्रभारी चिकित्सा अधिकारी केराकत इन दिनों अपने कक्ष में पिस्टल खोंस करके मरीज देखे जाने को लेकर काफी चर्चाओं में हैं।
लोगों में इस बात को लेकर चर्चाएं हैं कि अखिरकार प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को किस बात का और किससे भय है कि वह पिस्टल लेकर चिकित्सालय आते हैं। कर्मचारियों में भी इनको लेकर भय के साथ दबी जुबान से चर्चाएं हैं।
मीडियाकर्मियों से खासी दूरी बनाकर चलने वाले प्रभारी चिकित्साधिकारी का स्पष्ट कहना होता है कि कुछ भी करूं, मुझे कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है। उनका कहना है कि जब तक मेरे ऊपर सीएमओ का हाथ है तब तक कोई भी मेरा कुछ बिगाड़ नहीं सकता है।
यह तो है प्रभारी चिकित्सा अधिकारी केराकत का बड़बोलापन जिससे साफ है कि उनकी नैतिकता की पकड़ कहां तक है? बात करें स्वास्थ्य केन्द्र की व्यवस्था और चिकित्सकों की उपस्थिति की तो इसकी हकीकत गाहे-बगाहे जांची व परखी जा सकती है।
बात करें इन साहब के नैतिकता भरी बातों की तो प्रसूता को मिलने वाले लाभ से वंचित कर उन्हें दौड़ाया जा रहा है। वहीं जिसने सुविधा शुल्क पकड़ा दिया, उसकी दौड़ रूक जाती है। इसी प्रकार केन्द्र पर व्याप्त अनियमितताएं इनकी आदर्श भरी बातों की हवा निकालने के लिये काफी है।
साभार:तेजस टूडे

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