जौनपुर (सं.) 2 जून। भारत की प्राचीनतम विद्या योग एक उच्च कोटि की साधना पद्धति के साथ चिकित्सा पद्धति भी है जिसका अधिकतम अनुपालन करके प्राचीन समय के लोगों का जीवन काल के साथ साधना काल भी लम्बा होता था। उक्त बातें भारत सरकार के आयुष मंत्रालय व पतंजलि योगपीठ के संयुक्त तत्वावधान में शाहगंज में चल रहे 25 दिवसीय योग शिक्षक प्रशिक्षण शिविर में भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील उपाध्याय ने कही।
चल रहे शिविर में योगा करते लोग। छाया-तेजस टूडे
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इसी क्रम में योग के क्रियात्मक व सैद्धांतिक अभ्यासों को प्रान्तीय सह प्रभारी अचल हरिमूर्ति व कृष्ण मुरारी आर्य द्वारा कराया गया जिसमें अष्टांग योग के साथ रोगोपचार के अनुसार विविध प्रकार के आसनों, व्यायामों व प्राणायामों को बताया गया।
इस अवसर पर मनोज योगी, विरेन्द्र योगी, शम्भूनाथ, अनिल मोदनवाल, संदीप तिवारी, इन्द्रदेव, हेमंत, सिकन्दर, विजय, रामकुमार, लाल बहादुर, ओम सरन मौजूद रहे।
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