केराकत, जौनपुर (सं.) 19 जुलाई। स्थानीय विकास खण्ड क्षेत्र के 71 गांवसभा के किसानों को आज भी आपदा व सूखा राहत की धनराशि उपलब्ध नहीं हो सका है। इस पर प्रश्न यहां यह उठता है कि उक्त धनराशि कहां
चली गयी जो सरकार ने दैवीय आपदा व सूखे की मार से तबाह हो चुके किसानों के घाव पर मरहम लगाने के लिये भेजी थी। इस बात का जवाब किसानों को न प्रशासन दे रहा है और न ही क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि। सूत्रों की मानंे तो स्थानीय विकास खण्ड के लगभग 71 गांवसभाओं में मात्र 12 या 13 में आपदा व सूखा राहत राशि का वितरण किसानों में पृथक रूप से किया गया जबकि शेष के किसान आज भी धनराशि पाने के लिये भटक रहे हैं। इस बाबत किसानों का आरोप है कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने किसानों की इस समस्या पर विचार करने व उसके समाधान की तरफ कभी ध्यान देने की आवश्यकता नहीं समझी। यही कारण है कि दो-दो बार की दैवीय आपदा से टूट चुका क्षेत्रीय किसान आज भी कर्ज के बोझ तले दबकर कराह रहा है। कुल मिलाकर आखिर कब तक किसानों की उपेक्षा होती रहेगी और कौन उनका दुख-दर्द सुनेगा?
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