नई दिल्ली। विपक्षी दल के सदस्यों ने बेरोजगारी की समस्या को लेकर राज्यसभा में भारी शोरगुल और हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। जनता दल यू के शरद यादव ने शून्यकाल के
दौरान देश में बेरोजगारी की समस्या को उठाते हुए कहा कि अब यह विकट समस्या हो गई है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने 2०14 में वादा किया था कि देश में दो करोड लोगों को हर वर्ष रोजगार दिया जायेगा। इस वादे को यदि पूरा किया जाये तो देश निश्चित रूप से आगे बढ़ सकता है। यादव ने कहा कि अंग्रेजी में शिक्षा ग्रहण करने वाले लोगों को तो रोजगार के अवसर मिल भी जाते है लेकिन अन्य भारतीय भाषाओं में अध्ययन करने वालों को यह अवसर नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि संगठित क्षेत्र में 2०11 में नौ लाख लोगों को रोजगार मिलता था। जबकि 2०13 में यह संख्या घटकर 4.19 लाख हो गई। 2०15 तक तो यह संख्या घटकर तीन लाख के आस पास आ गयी। कांग्रेस के आनंद शर्मा और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी ने भी बेरोजगारी को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की और कहा कि रोजगार पाने योग्य लोगों में से केवल एक प्रतिशत को ही यह अवसर मिल पाता है। उन्होंने कहा कि रोजगार नहीं मिलने के कारण युवा पीढ़ी हताश है। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद देश में विकास और विश्वास का माहौल बना है और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मित्रों में हताशा और निराशा है तो उसका इलाज नहीं कर सकते। इसके बाद कांग्रेस, जनता दल यू और समाजवादी पार्टी के सदस्य सदन के बीच में आ गये और नारेबाजी करने लगे। वे दो करोड़ लोगों के रोजगार का वादा पूरा करो का नारा लगा रहे थे। कांग्रेस के सदस्यों ने नकवी के बयान का कड़ा विरोध किया जिस पर उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि मंत्री के बयान में यदि कोई असंसदीय शब्द होगा उसे सदन की कार्यवाही से निकाल दिया जायेगा। बाद में नकवी ने कहा कि उन्होंने अपने बयान में कहा था कि देश हताश और निराश नहीं हो सकता। इसके बाद भी सदस्यों का हंगामा जारी रहा तो 1135 बजे के बाद सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पूर्व शून्यकाल के दौरान ही माकपा के के.के. रागेश ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक उद्योगपतियों को उदारता से श्रण उपलब्ध करा रहा है जबकि छात्रों को श्रण देने में अनाकानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि बैंक ने श्रण नहीं लौटने वाले छात्रों को अपने बैंक में नौकरी के लिए आवेदन करने से मना किया है। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसा वातावरण बनाना चाहिए छात्र शिक्षा के बाद बैंकों को रिण वापस कर सके। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों को पैसा कमाने की मशीन बना दिया गया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा ने बैंक कर्मचारियों की हड़ताल का मुद्दा उठाया और कहा कि बैंकों के निजीकरण के विरोध में 1० लाख कर्मचारी हड़ताल पर है। उन्होंने कहा कि श्रण लेने के बाद उसकी वापसी नहीं करने वालें के खिलाफ सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। कुरियन ने कहा कि राजा ने इस मामले को लेकर नियम 267 के तहत नोटिस दिया गया है जिसे अस्वीकार कर दिया गया है। (यूएनएस)
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