Pages

Friday 29 July 2016

दबंगों के आगे लाचार हैै परिवहन विभाग

प्राइवेट वाहन स्वामियों के दबाव में थम जा रही रोडवेज बस की चाल
केराकत, जौनपुर (सं.) 29 जुलाई।एक ओर जहां प्रदेश की सभी सड़कों पर परिवहन विभाग की बसों को दौड़ाने के साथ यात्रियों को सुलभ यात्रा का लाभ देने की कवायद में प्रदेश सरकार लगी हुई, है वहीं दूसरी ओर दबंग प्राइवेट डग्गामार वाहनों के मालिक व चालक रोडवेज की बसों को चलने नहीं दे रहे हैं जिससे राजस्व को चपत तो लग ही रहा है। साथ ही आमजन को सरकारी बस सेवा का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। ऐसा ही मामला केराकत-वाराणसी वाया खुज्झी मोढ़ के बीच चलने वाली सिटी बस सेवा का है जिसे पिछले दिनों से बंद कर दिया गया है। इससे क्षेत्रीय लोगों को परेशानी हो रही है। साथ ही सबसे ज्यादा उन लोगों को परेशान होना पड़ रहा है जिनके पास एमएसटी है। बताते चलें कि वर्षों से आवागमन की सुविधा से वंचित चल रहे केराकत क्षेत्र के लोगों की मांग पर विचार करते हुये वाराणसी कैण्ट डिपो से एक सिटी बस का परिचालन किया जा रहा था जो कैण्ट से चोलापुर, दानगंज, चंदवक वाया खुज्झी होते हुये केराकत तक चल रही थी। यह बस दिन दो दिन वाराणसी केराकत-वाराणसी के बीच में लगाया करती थी। रात्रि में इस बस का हाल्ट केराकत में होता था। सुबह यही बस 6 बजे वाराणसी के लिये रवाना हुआ करती थी जिससे वाराणसी जाने वाले लोगों को काफी सुगमता हो गयी थी। व्यापारी, छात्र, अधिवक्ता सहित मेहनतकश लोगों से लेकर दूधिया आदि भी इस बस की सेवा लेने लगे थे। चूंकि इस बस के चालक व परिचालक दोनों ही क्षेत्रीय थे। इससे इस बस के परिचालन से यात्रियों के साथ विभाग को भी भरपूर आय होने लगी थी। बताया जाता है कि केराकत-वाराणसी मार्ग पर एक प्रकार से अपना दबदबा बनाये हुये वाहन चालकों व मालिकों ने एक विधायक के लेटर पैड का उपयोग करते हुये बस चालक पर मनगढंत आरोप लगाते हुये उसकी शिकायत करने के साथ अपने मंसूबों को अमली जामा पहनाने हेतु बस के परिचालन में अवरोध उत्पन्न करने का काम किया। परिणाम यह रहा कि विभाग ने भी आंख मंूद करके सत्ताधारी विधायक के पत्र को संज्ञान में लेते हुये कार्यवाही कर तो दिया लेकिन जरा भी उन यात्रियों के बारे में सोचने की जहमत नहीं उठायी जिन्हें सुबह वाराणसी आने के लिये यह बस लाभप्रद साबित हो रही थी। इतना ही नहीं, एमएसटी धारक यात्रियों के बारे में भी नहीं सोचा गया कि अब उनका क्या होगा। बताते चलें कि एक बस केराकत से थानागद्दी वाया सिंधौरा होते हुये वाराणसी के लिये चलती है लेकिन इस बस का कोई समय न होने से यात्रियों को इसका भरपूर लाभ नहीं मिल पा रहा है। यात्रियों का कहना है कि केराकत से चंदवक वाराणसी तक चलने वाली बस का समय ठीक चल रहा था। सबसे ज्यादा सुविधा सुबह के समय वाराणसी जाने व आने में होती थी लेकिन विभाग ने बिना कुछ सोचे-समझे कार्यवाही करके यात्रियों के हितों की अनदेखी करने का काम किया है। यात्रियों में उक्त विधायक के प्रति भी इस बात को लेकर आक्रोश है कि उन्होंने बिना किसी जांच-पड़ताल के कैसे पत्र लिख दिया? क्या उन्हें सरकारी राजस्व व यात्रियों के हितों से ज्यादा प्राइवेट वाहन मालिकों व चालकों का हित प्रसंद है? क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि यदि बस का यथावत परिचालन शुचारू रूप से पुनः प्रारम्भ नहीं किया गया तो वह सम्पूर्ण मामले की जानकारी से मुख्यमंत्री को अवगत कराने के साथ आंदोलन करने के लिए भी बाध्य होंगे।

डग्गामार वाहनों पर प्रशासन का नहीं है कोई जोर
जौनपुर (सं.) 29 जुलाई। केराकत-वाराणसी मार्ग पर चलने वाले प्राइवेट डग्गामार वाहनों पर राज्य सड़क परिवहन विभाग और जिला प्रशासन का कोई जोर नहीं है। अलबत्ता इतना देखने में जरूर आता है कि डग्गामार वाहनों के संचालक सरकारी बस के परिचालन में बाधा खड़े कर दिये करते हैं। मसलन सरकारी बसों को सवारी न उठाने से लेकर मारपीट करने तक में भी पीछे नहीं रहते हैं।

No comments:

Post a Comment