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Friday 29 July 2016

हत्या कर सिर ले जाने वालों को फांसी की सजा

मैनपुरी। वर्ष 2003 में हुए सुरेंद्र हत्याकांड के दो आरोपियों को न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई है। उन पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने उनके कृत्य को जघन्यतम अपराध माना। हत्यारे सिर भी
काटकर ले गए थे। घटना के दो दिन बाद पुलिस ने कटा हुआ सिर बरामद किया था। मामला कुरावली थाना क्षेत्र के ग्राम नगला मोहन का है। 25 नवंबर 2003 को ग्रामवासी सत्यपाल सिंह पुत्र शिवदयाल सिंह ने कुरावली थाने में रिपोर्ट लिखाई थी कि वो अपने भाई सुरेंद्र और चाचा के साथ प्रधान के घर लौट रहा था। तभी रास्ते में गांव के भंवर सिंह, जबर सिंह पुत्रगण नौबत सिंह तथा संजू बघेल पुत्र रामशंकर ने घेर लिया। रंजिश में आरोपियों ने हंसिया और कुल्हाड़ी से सुरेंद्र की गर्दन काट दी सत्यपाल व उसके चाचा को हत्या की धमकी देकर भगा दिया। हत्या के बाद आरोपी सुरेंद्र का सिर काटकर ले गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी। गैंगस्टर कोर्ट संख्या-5 के न्यायाधीश बच्चू सिंह ने संजू बघेल और भंवर सिंह को फांसी की सजा सुना दी। तीसरे आरोपी जबर सिंह की मामले की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। फांसी की सजा सुनते ही दोनों आरोपी न्यायालय में रो पड़े। मामले में जिरह शासकीय अधिवक्ता प्रेमचंद्र निगम द्वारा की गई। किशोरी को आगरा ले जाकर होटल में दुष्कर्म करने के आरोप में एक सेवानिवृत फौजी को कोर्ट ने दस साल की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी किया है। थाना बागवाला में 24 मार्च 2015 को रिपोर्ट दर्ज कराते हुए पुलिस को बताया कि उसकी सोलह वर्षीय पुत्री को गांव का ही सेवानिवृत फौजी रघुवीर निवासी जलालपुर नई बाइक का पूजन कराने के बहाने उसे आगरा ले गया था। जहां उसकी बेटी के साथ आरोपी ने एक होटल में दुष्कर्म किया था। दर्ज रिपोर्ट पर पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल करते हुए घटना के साक्ष्य एवं गवाह कोर्ट में पेश किए थे। गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। (यूएनएस)

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