केराकत के सरकारी अस्पताल से मरीजों का हो रहा मोहभंग!
आर.एस. यादव
केराकत, जौनपुर (सं.) 4 जुलाई। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की चिकित्सा एवं इमरजेंसी व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त होने से जहां सरकारी अस्पताल से लोगांे का मोहभंग होने लगा है, वहीं अपना उपचार कराने के लिये यहां आने वालों का रूख निजी अस्पतालों की तरफ तेजी से बढ़ रहा है।
आरोपों की मानें तो एक सरकारी सहित संविदा के दो चिकित्सकों के बल पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी इस केन्द्र की चिकित्सा व्यवस्था को चला रहे हैं। केन्द्र की ध्वस्त होती चिकित्सा व्यवस्था का नग्न ताण्डव तब देखने को मिला जब स्थानीय नगर के नरहन निवासी शिक्षक मोटरसाइकिल से घायल होकर यहां आये थे।
प्रत्यक्षदर्शियांे की मानें तो अस्पताल की इमरजेंसी में कोई चिकित्सक न होने से उन्हें घायलावस्था में ही निजी चिकित्सालय जाना पड़ा। मारपीट की घटना में घायल मां पन्नी देवी व बेटी मनीषा व पूजा निवासी चक गोविन्दपुर दोपहर 12 बजे से सायं 5 बजे तक मेडिकल मुआयना कराने के लिये चिकित्सक का इंतजार करते कराह रही थीं। बद से बदहाल हो रही सरकारी अस्पताल की दशा में सुधार को कौन कहे, स्थिति और बदतर हो रही है।
आरोप है कि लम्बे समय से एक ही स्थान पर सांप की तरह कुण्डली मारकर पड़े एक कर्मचारी स्थानीय होने के कारण अस्पताल परिसर राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है। ऐसी स्थिति मंे अस्पताल का सरकारी कार्य भी ऐन-केन-प्रकारेण गम्भीर रूप से प्रभावित हो रहा है।
सूत्रों के अनुसार सीएमओ दरबार तक अपनी पहुंच और चंद चांदी के जूतों के बल पर पहुंच रखने के साथ राजनैतिक संरक्षण प्राप्त होने से उक्त कर्मी एक ही स्थान पर वर्षों से जमे होने के साथ वातावरण को पूरी तरह से दूषित किया हुआ है।
साभार—तेजस टूडे
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