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Friday 20 May 2016

आय की क्लब्बिंग



प्रश्न 1 : मै  एक किरायेदार हुँ और मैने  ऑफिस के नवीकरण के लिए कुछ खर्च किया है. मैने  अपने इनकम टैक्स रिटर्न में यहाँ खर्च का डिडक्शन रेवेनु एक्सपेंडिचर के तोर पर लिया है .क्या यह डिडक्शन उचित है ?                               अभिषेक गर्ग, हैदराबाद
उत्तर : हाँसेक्शन 37 ऑफ़ इनकम टैक्स एक्ट,1961 के अनुसार अगर आप ने किराए पर लिए हुए ऑफिस के नवनीकरण के लिए ख़र्च किया है तो आप यह बेनिफिट ले सकते हो. किरायेदार को ख़र्च करके कोई कैपिटल एसेट नहीं मिल रहा है. क्योंकि वह ऑफिस उसका नहीं है. यह ख़र्चा बिज़नेस  के लिए किया गया है तो उसे सेक्शन 37 ऑफ़ इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार रेवेनु एक्सपेंडिचर मे  ले सकते है.
प्रश्न 2 : मै  एक ब्रिटिश नागरिक हुँ , मै  इंडिया  में 9 महीने से हुँ , क्या मै   यहाँ का निवासी  हुँ ?                                                          मुरली नायरमुंबई
उत्तर : यदि  कोई व्यक्ति इंडिया मे एक साल मे 182 दिन या उससे अधिक रहता है तो वह यहाँ का निवासी ( रेजिडेंट) माना जायेगा.  किसी  भी  देश का नागरिक  हो  सकता  है .यदि  वह 182 दिन से कम इंडिया में रहता है तो वह अनिवासी (नॉन रेजिडेंट) है.
प्रश्न 3 : मैने मेरी पत्नी को एक घर गिफ्ट किया है. उसे यह घर से किराया आ रहा है. इनकम टैक्स ऑफिसर ने यह किराए की इनकम मेरी  इनकम मे जोड़ दी है. कृप्या मुझे समझाइए?                                                                              दिनेश सोनी, सिकंदराबाद
उत्तर : साधारणतया, एक व्यक्ति को टैक्स तब ही लगेगा जब वह उसकी इनकम हो या वह उसने कमाई हो. हालांकि थोड़े  कुछ ऐसे भी केसेस है जिसमे दूसरों की इनकम भी टैक्सपेयर की इनकम में   इंक्लूड की जाती है और यह केस में टैक्सपेयर अपनी इनकम पर और दूसरों की इनकम पर भी टैक्स  भरना पड़ता है. यह स्तिथि जिसमे दूसरों की इनकम को टैक्सपेयर की इनकम में इंक्लूड किया जाता है तो उसे क्लब्बिंग ऑफ़ इनकम कहा जाता है.
उदहारण  : नाबालिग बच्चे की इनकम उसके माता या पिता की इनकम में क्लब किया जाता है.
सेक्शन 60 से 64 में क्लब्बिंग ऑफ़ इनकम के कई प्रोविशन है. सेक्शन 60 के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अपना एसेट पर प्राप्त हुई इनकम ट्रांसफर करता है बिना एसेट को ट्रांसफर किये तो वह  इनकम जो एसेट से प्राप्त हुई वह ट्रांस्फेरोर के हाथ में टैक्स लगेगा (यानि जो व्यक्ति इनकम ट्रांसफर करता है).
यदि कोई व्यक्ति अपनी स्पाउस (पति या पत्नी) को डायरेक्टली या इनडायरेक्टली उचित मूल्य से कम मूल्य पर एसेट ट्रांसफर करता है तो वह इनकम जो एसेट से प्राप्त हुई है वह उसकी इनकम में क्लब कर   दी जाएगी. अगर असेट का फॉर्म भी चेंज होता है तब  भी इनकम क्लब की जाएगी. यदि किसी ने कॅश गिफ्ट मे दिया हो और उस कॅश से उसकी स्पाउस ने FD  बना लिए हो तब उसके इंटरेस्ट को भी क्लब किया जायेगा.
क्लब्बिंग के प्रावधान के अनुसार निम्नलिखित स्तिथियों में आय क्लब्बिंग नहीं होगी.
1. यदि कोई असेट सही मूल्य पर ट्रांसफर होता है. 2.यदि कोई  असेट पति पत्नी के
अलग रहने के समझौते के अनुसार ट्रांसफर हो. 3.यदि कोई असेट शादी के पहले
ट्रांसफर हो, यह मायने नहीं रखता है  की ट्रांसफर के बाद दोनों पति-पत्नी हो और
उस असेट से इनकम आती हो.
4. जब असेट्स पर इनकम आती हो उस समय दोनों का रिलेशन पति पत्नी का न हो. 
प्रश्न  4. मेरी बेटी USA में रहती है. उसका इंडिया में घर है और उसने वह किराए पर  दिया है. उसने किरायेदारों को रेंट मुझे देने के लिए कहा है क्योंकी मै  एक साधारण लाइफ जी सकु. उसने कोई रेंट रिसीव नहीं किया है. क्या वह अभी भी टैक्स के लिए लाइबल है?  यदि वह यह घर मुझे ट्रांसफर करती है तो क्या होगा?                                                     सुरेश जाधव, पुणे
उत्तर : सेक्शन  60   के  अनुसार  यदि  कोई  व्यक्ति  एसेट खुद  का  होने  पर  भी  अपनी इनकम ट्रांसफर करता है बिना  असेट ट्रांसफर किये, तो वह इनकम जो असेट से प्राप्त  होती है उसे ट्रांस्फेर्रोर के हाथ में टैक्स लगेगा (यानि  जो  व्यक्ति  इनकम  ट्रांसफर करता है). हालांकि आप किराया ले रहे हो पर आपकी बेटी को टैक्स भरना पड़ेगा क्योंकि वह इस घर की मालिक है . अगर घर आपके नाम पर ट्रांसफर होता है, तो आप इस घर के मालिक है और  आपको यह किराए की इनकम आ रही है तो उस पर आपको टैक्स भरना पड़ेगा. आपकी बेटी को टैक्स नहीं भरना पड़ेगा.
साभार— तेजस टूडे

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