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Sunday 29 May 2016

निरीक्षण के नाम पर पूर्ति निरीक्षक कर रहे कोटेदारों का शोषण

एसडीएम के आदेश को दरकिनार करके मनमानी पर हैं आमादा
केराकत, जौनपुर (सं.) 29 मई। सरकार भले ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली को व्यवस्थित और कार्डधारकों के हितों को ध्यान में रखकर कार्य करने पर बल देती है लेकिन स्थानीय पूर्ति कार्यालय व पूर्ति निरीक्षक शासन-प्रशासन के आदेश को दरकिनार करके मनमानी पर आमादा हो गये हैं।
हद तो यह है कि वह उपजिलाधिकारी के आदेश को भी नहीं मानते हैं। यहां तक कि उनसे जब मीडियाकर्मी मिलकर किसी बात की जानकारी चाहते हैं तो वह बड़े ही सधे अंदाज में कोई न कोई बहाना बनाकर बच निकलते हैं। क्षेत्र में व्याप्त चर्चाओं पर गौर करें तो पूर्ति निरीक्षक केराकत सतीश कन्नौजिया कोटे की दुकानों पर निरीक्षण के नाम पर उनका आर्थिक शोषण करने से बाज नहीं आते हैं।
सूत्रों की मानें तो आर्थिक शोषण के खिलाफ जब क्षेत्र के कोटेदारों ने एकजुटता का परिचय देते हुये आवाज बुलन्द करनाश्शुरू किया तो उपजिलाधिकारी ने स्पष्ट करते हुये कहा कि सभी लोग शासन की मंशानुसार कार्य करें तथा कार्डधारकों को किसी प्रकार की न परेशानी होने पाये और न ही कोई शिकायत मिले।
उपजिलाधिकारी ने कोटेदारों के शोषण को बंद करने के साथ हरसंभव सहयोग की बात कही लेकिन आश्चर्य की बात है कि उनके आदेश को धता बताकर पूर्ति निरीक्षक मनमानी पर उतारू हैं।
आरोप है कि कोटेदारों से निरीक्षण के नाम पर आर्थिक शोषण कर रहे हैं जिससे उनके खिलाफ आक्रोश पनपने लगा है। अब देखना है कि जिले के उच्चाधिकारी इस बेलगाम अधिकारी पर कब लगाम लगाते हैं?

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