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Friday 29 July 2016

गुरदीप को इंडोनेशिया में नहीं दी गयी मौत की सजा

नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को कहा कि इंडोनेशिया में मादक पदार्थ मामले में भारतीय नागरिक गुरदीप सिंह को मौत की सजा नहीं दी गयी है, जिसे बीती रात मौत की सजा दी जानी थी। सुषमा ने
ट्वीट किया, इंडोनेशिया में भारतीय राजदूत ने मुझे सूचना दी है कि गुरदीप सिंह को मौत की सजा नहीं दी गई है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि भारतीय नागरिक को मौत की सजा क्यों नहीं दी गयी जबकि चार अन्य दोषियों को फायरिंग स्क्वाड ने मौत की सजा दे दी। 48 वर्षीय सिंह का नाम उन 10 दोषियों की सूची में था, जिन्हें मौत की सजा दी जानी थी, लेकिन उसे मौत की सजा नहीं दी गई। इंडोनेशिया की एक अदालत ने उसे 300 ग्राम हेरोइन तस्करी करने के प्रयास का दोषी पाया था और उसे 2005 में मौत की सजा सुनायी थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कल कहा था कि जकार्ता में भारतीय दूतावास के अधिकारी इस मुद्दे को लेकर इंडोनेशियाई विदेश विभाग और देश के शीर्ष नेताओं तक पहुंच रहे हैं। सुषमा ने कहा था कि सरकार सिंह को बचाने के लिए अंतिम क्षण का प्रयास कर रही है। स्वरूप ने कहा, सिंह के कानूनी प्रतिनिधि अफधाल मुहम्मद का मत था कि वह संबंधित कानून के तहत इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के समक्ष क्षमादान की याचिका दायर कर सकता है। दूतावास ने इंडोनेशिया के विदेश मंत्रालय को एक नोट वर्बेल भेजकर आग्रह किया कि मौत की सजा से पहले सभी कानूनी उपाय अपनाए जाने चाहिए। अधिकारियों के मौत की सजा फिर से शुरू करने का निर्णय लेने के बाद पंजाब के जालंधर निवासी सिंह सहित 14 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई थी। मानवाधिकार संगठनों ने इस निर्णय की आलोचना की। इंडोनेशिया, नाइजीरिया, जिम्बाब्वे और पाकिस्तान के नागरिक सहित 14 लोगों का नाम मौत की सजा की सूची में था। सिंह को 29 अगस्त 2004 में सुकर्णो हत्ता हवाईअड्डे से मादक पदार्थ तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। फरवरी 2005 में तांगेरांग अदालत ने उसे मौत की सजा सुनायी थी, जबकि अभियोजकों ने उसे 20 साल का कारावास देने का अनुरोध किया था। बानतेन हाईकोर्ट ने मई 2005 में मौत की सजा के खिलाफ उसकी अपील को खारिज कर दिया था। फिर उसने सुप्रीम कोर्ट में अपील की जिसने उसकी मौत की सजा बरकरार रखी। वह इस समय नुसाकाबंगन पासिर पुतिह, सिलाकाप में हिरासत में है। (यूएनएस)

बेरोजगारी को लेकर राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा

नई दिल्ली।  विपक्षी दल के सदस्यों ने बेरोजगारी की समस्या को लेकर राज्यसभा में भारी शोरगुल और हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। जनता दल यू के शरद यादव ने शून्यकाल के
दौरान देश में बेरोजगारी की समस्या को उठाते हुए कहा कि अब यह विकट समस्या हो गई है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने 2०14 में वादा किया था कि देश में दो करोड लोगों को हर वर्ष रोजगार दिया जायेगा। इस वादे को यदि पूरा किया जाये तो देश निश्चित रूप से आगे बढ़ सकता है। यादव ने कहा कि अंग्रेजी में शिक्षा ग्रहण करने वाले लोगों को तो रोजगार के अवसर मिल भी जाते है लेकिन अन्य भारतीय भाषाओं में अध्ययन करने वालों को यह अवसर नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि संगठित क्षेत्र में 2०11 में नौ लाख लोगों को रोजगार मिलता था। जबकि 2०13 में यह संख्या घटकर 4.19 लाख हो गई। 2०15 तक तो यह संख्या घटकर तीन लाख के आस पास आ गयी। कांग्रेस के आनंद शर्मा और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी ने भी बेरोजगारी को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की और कहा कि रोजगार पाने योग्य लोगों में से केवल एक प्रतिशत को ही यह अवसर मिल पाता है। उन्होंने कहा कि रोजगार नहीं मिलने के कारण युवा पीढ़ी हताश है। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद देश में विकास और विश्वास का माहौल बना है और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मित्रों में हताशा और निराशा है तो उसका इलाज नहीं कर सकते। इसके बाद कांग्रेस, जनता दल यू और समाजवादी पार्टी के सदस्य सदन के बीच में आ गये और नारेबाजी करने लगे। वे दो करोड़ लोगों के रोजगार का वादा पूरा करो का नारा लगा रहे थे। कांग्रेस के सदस्यों ने नकवी के बयान का कड़ा विरोध किया जिस पर उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि मंत्री के बयान में यदि कोई असंसदीय शब्द होगा उसे सदन की कार्यवाही से निकाल दिया जायेगा। बाद में नकवी ने कहा कि उन्होंने अपने बयान में कहा था कि देश हताश और निराश नहीं हो सकता। इसके बाद भी सदस्यों का हंगामा जारी रहा तो 1135 बजे के बाद सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पूर्व शून्यकाल के दौरान ही माकपा के के.के. रागेश ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक उद्योगपतियों को उदारता से श्रण उपलब्ध करा रहा है जबकि छात्रों को श्रण देने में अनाकानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि बैंक ने श्रण नहीं लौटने वाले छात्रों को अपने बैंक में नौकरी के लिए आवेदन करने से मना किया है। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसा वातावरण बनाना चाहिए छात्र शिक्षा के बाद बैंकों को रिण वापस कर सके। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों को पैसा कमाने की मशीन बना दिया गया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा ने बैंक कर्मचारियों की हड़ताल का मुद्दा उठाया और कहा कि बैंकों के निजीकरण के विरोध में 1० लाख कर्मचारी हड़ताल पर है। उन्होंने कहा कि श्रण लेने के बाद उसकी वापसी नहीं करने वालें के खिलाफ सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। कुरियन ने कहा कि राजा ने इस मामले को लेकर नियम 267 के तहत नोटिस दिया गया है जिसे अस्वीकार कर दिया गया है। (यूएनएस)

हत्या कर सिर ले जाने वालों को फांसी की सजा

मैनपुरी। वर्ष 2003 में हुए सुरेंद्र हत्याकांड के दो आरोपियों को न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई है। उन पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने उनके कृत्य को जघन्यतम अपराध माना। हत्यारे सिर भी
काटकर ले गए थे। घटना के दो दिन बाद पुलिस ने कटा हुआ सिर बरामद किया था। मामला कुरावली थाना क्षेत्र के ग्राम नगला मोहन का है। 25 नवंबर 2003 को ग्रामवासी सत्यपाल सिंह पुत्र शिवदयाल सिंह ने कुरावली थाने में रिपोर्ट लिखाई थी कि वो अपने भाई सुरेंद्र और चाचा के साथ प्रधान के घर लौट रहा था। तभी रास्ते में गांव के भंवर सिंह, जबर सिंह पुत्रगण नौबत सिंह तथा संजू बघेल पुत्र रामशंकर ने घेर लिया। रंजिश में आरोपियों ने हंसिया और कुल्हाड़ी से सुरेंद्र की गर्दन काट दी सत्यपाल व उसके चाचा को हत्या की धमकी देकर भगा दिया। हत्या के बाद आरोपी सुरेंद्र का सिर काटकर ले गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी। गैंगस्टर कोर्ट संख्या-5 के न्यायाधीश बच्चू सिंह ने संजू बघेल और भंवर सिंह को फांसी की सजा सुना दी। तीसरे आरोपी जबर सिंह की मामले की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। फांसी की सजा सुनते ही दोनों आरोपी न्यायालय में रो पड़े। मामले में जिरह शासकीय अधिवक्ता प्रेमचंद्र निगम द्वारा की गई। किशोरी को आगरा ले जाकर होटल में दुष्कर्म करने के आरोप में एक सेवानिवृत फौजी को कोर्ट ने दस साल की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी किया है। थाना बागवाला में 24 मार्च 2015 को रिपोर्ट दर्ज कराते हुए पुलिस को बताया कि उसकी सोलह वर्षीय पुत्री को गांव का ही सेवानिवृत फौजी रघुवीर निवासी जलालपुर नई बाइक का पूजन कराने के बहाने उसे आगरा ले गया था। जहां उसकी बेटी के साथ आरोपी ने एक होटल में दुष्कर्म किया था। दर्ज रिपोर्ट पर पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल करते हुए घटना के साक्ष्य एवं गवाह कोर्ट में पेश किए थे। गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। (यूएनएस)

श्रमजीवी विस्फोट में एक बांग्लादेशी दोषी करार, दूसरे पर 2 को फैसला

जौनपुर । जौनपुर के सिंगरामऊ स्टेशन के पास हरपालगंज रेलवे क्रासिंग पर 28 जुलाई 2005 को हुए श्रमजीवी एक्सप्रेस बम विस्फोट कांड में आरोपी रोनी उर्फ आलमगीर को स्थानीय कोर्ट ने शुक्रवार को दोषी करार दिया।
सजा पर फैसला शनिवार को होगा। दूसरे आरोपित ओबेदुर्रहमान पर 2 अगस्त को फैसला होगा। इस घटना में 12 लोगों की मौत हुई थी और पांच दर्जन के लगभग लोग घायल हुए थे। पिछले 11 वर्षों से चल रही सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम बुधिराम यादव ने फैसला सुनाया है। रोनी उर्फ आलमगीर और ओबेदुर्रहमान दोनों बांग्लादेश के निवासी हैं। जनरल बोगी में हुए विस्फोट के मामले में ट्रेन के गार्ड जफर अली ने जीआरपी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। (यूएनएस)

मजीठिया में हिम्मत है तो मुझे करें गिरफ्तार: केजरीवाल

अमृतसर। पंजाब के राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के मानहानि केस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह और आशीष खेतान आज अमृतसर कोर्ट
में पेश हुए. इस मामले में केजरीवाल और संजय सिंह को अग्रिम जमानत मिल गई है. इस संबंध में वकील एचएस फुल्का ने बताया कि अरविंद केजरीवाल और आप नेता संजय सिंह को 40,000 रुपये के मुचलके पर जमानत मिल गई है और 15 अक्टूबर को इस मामले में अगली सुनवाई होगी. कोर्ट में पेशी के पहले अरविंद केजरीवाल ने अपने बयान से सुर्खियां बटोरी. दरअसल केजरीवाल ने कोर्ट में पेश होने से पहले कहा कि मजीठिया में हिम्मत है तो 6 महीने में मुझे गिरफ्तार करके दिखा दें, नहीं तो 6 महीने बाद मैं मजीठिया को गिरफ्तार करके दिखाउंगा. उन्होंने मजीठिया पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मैंने कुछ दिन पहले कहा था कि मजीठिया नशे के धंधे में लिप्त हैं. तो उसने मुझ पर मानहानि का केस कर दिया. ऐसा करने की उनकी हिम्मत कैसे हुई? केजरीवाल ने कहा कि पंजाब का बच्चा-बच्चा जानता है कि मजीठिया नशे का कारोबार करता है. उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने मेरे ऊपर झूठा केस कर दिया तो आम आदमी का यहां क्या हाल होता होगा. गौरतलब है कि मजीठिया की ओर से दायर किए गए केस में माफी न मांगने पर आप नेताओं की गिरफ्तारी की जा सकती है. इससे पहले 18 जुलाई को अमृतसर की एक निचली अदालत ने मानहानि के एक मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) के कुछ अन्य नेताओं के नाम समन जारी किया था। (यूएनएस)

शराबबंदी के बाद वित्तीय संकट में बिहार सरकार: मोदी

पटना। विधान परिषद में विरोधी दल के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राज्य सरकार वित्तीय संकट के दौर में है. शिक्षकों को वेतन नहीं देने के लिए उपयोगिता प्रमाण पत्र तो एक बहाना है.
माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के 50 हजार शिक्षकों को पांच माह से वेतन नहीं मिला है. प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के दो लाख शिक्षकों को तीन से चार माह तक का तक का वेतन नहीं मिला है. यह शराबबंदी के कारण तीन हजार करोड़ रुपये की हुई कमी के कारण हो रहा है. वे विधान परिषद स्थित अपने कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. मोदी ने कहा कि सरकार को सदन की अवधि को बढ़ाना चाहिए. इस बार की मानसून सत्र को अब तक का सबसे छोटा सत्र है. उन्हेांने कहा कि अब तक कम से कम छह दिन का सत्र हुआ है. इस बार तो पांच दिन का कर दिया गया है. पहले सदन की सोमवार से शुक्रवार तक चलता था. इस बार शुक्रवार को सदन में महत्वपूर्ण सवाल उठाने से वंचित रह जायेगा. उन्होंने कहा कि विप तो शिक्षा का सदन है. इस बार यहां शिक्षा से संबंधित एक भी सवाल नहीं उठाया जा सकेगा. इसमें टॉपर्स घोटाला जैसे मुद्दों को उठाना आवश्यक होगा. उन्होंने कहा कि कम समय में भी जनता के मुद्दों को उठाने की कोशिश की जायेगी. मोदी ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को राहत और बचाव के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है. फसल बीमा के लिए अब तक एजेंसी का चयन नहीं किया गया है. ऐसे मुद्दों को उठाने के लिए सदन की अवधि को बढ़ाना चाहिए.उन्होंने कहा कि यूपी के चुनाव में लालू प्रसाद और नीतीश कुमार अलग-अलग चुनाव मैदान में है. जहां नीतीश कुमार यूपी में मुलायम सिंह यादव का विरोध कर रहे हैं वहीं लालू प्रसाद मुलायम सिंह के साथ मजबूती से खड़े हैं. मोदी ने कहा कि इसका असर बिहार में महागंठबंधन के संबंध पर भी पड़ेगा. उन्होंने कहा कि शराबबंदी के मुद्दे पर नीतीश कुमार मुलायम सिंह के विरोध में हैं. एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि जहां शराबबंदी का श्रेय नीतीश कुमार लेना चाहते हैं तो लालू प्रसाद ताड़ी पर रोक नहीं लगने का श्रेय लेने में जुटे हैं. मोदी ने कहा कि वे ताड़ी पर प्रतिबंध के विरोध में है। (यूएनएस)

हाफिज सईद को चाचा कहता है आतंकी बहादुर अली

नई दिल्ली। पिछले दिनों सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के बाद जम्मू-कश्मीर के नौगाम से गिरफ्तार आतंकी सैफुल्ला बहादुर अली पूछताछ के दौरान एक के बाद एक नया खुलासा कर रहा है. एनआइए उससे पूछताछ कर
रही है जिसमें उसने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि वह हाफिज सईद को चाचा बुलाता है.आतंकी बहादुर अली ने बताया कि वह पीओके में हाफिज सईद से मिल चुका है. उसे ए-3 उर्फ ड्राइवर का कोड दिया गया था. बहादुर के मुताबिक लश्कर के लोग हाफिज को चाचा कहकर संबोधित किया करते थे. अली ने एनआईए पूछताछ में बताया कि भारत में घुसपैठ करने के बाद उसके तीन साथी एनकाउंटर में मारे गए थे जिसके बाद वह सैटलाइट फोन से पाकिस्तान में वालिद नाम के एक शख्स के साथ लगातार संपर्क साधे हुए था. वालिद उसे आगे के प्लान के बारे में लगातार बता रहा था. वालिद ने उसे दो लोगों से मुलाकात करने को कहा था जिसका कोडवर्ड डॉक्टर और नर्स कोडवर्ड था. इस कोडवर्ड का अर्थ एक पुरुष और एक महिला ऑपरेटिव्स से था. अली ने कहा कि हमसे कश्मीर में निर्दोष लोगों को मारने को कहा गया था.आपको बता दें कि उसने गुरुवार को कबूल कर लिया है कि वह लश्कर का आतंकी है. गुरुवार को एनआइए पूछताछ के लिए उसे दिल्ली लेकर आयी, जहां उसने कई अहम खुलासे किये. बताया जाता है कि पूछताछ में बहादुर अली ने साफ शब्दों में कहा कि वह सीमा पार से आया है और लाहौर का रहने वाला है. उसने अपनी उम्र 21 साल बतायी है. अली ने बताया कि उसने लश्कर-ए-तैयबा से ट्रेनिंग ली है. उसे भारत में स्पेशल मिशन पर भेजा गया है.सुरक्षा बलों ने अली को सोमवार को गिरफ्तार किया था. उसके पास से तीन एके-47, दो पिस्टल और 23000 रुपये की भारतीय मुद्रा बरामद की गयी थी. अली को मुठभेड़ में जिंदा पकड़ा गया था, जबकि उसके चार साथी मारे गये थे. एनआइए की पूछताछ में उसने बताया कि पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद में बड़ी संख्या में आतंकी तैयार हो रहे हैं. अली ने बताया कि वह तथा मुठभेड़ में मारे गये उसके साथी आत्मघाती हमले की तैयारी में थे. इसके अलावा अली को कश्मीर घाटी में बुरहान वानी की तरह नये पोस्टर बॉय तैयार करने की जिम्मेदारी भी दी गयी थी. अली की स्वीकारोक्ति के बाद केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर समेत भारत के अन्य हिस्सों में आतंकवादी घटनाओं के पीछे पाकिस्तान का हाथ है, इसके स्पष्ट सबूत भी मिल चुके हैं। (यूएनएस)