अब मरीजों को परेशान होने की आवश्यकता नहींः डा. जेपी दूबे
जौनपुर। शाहगंज नगर के आरके हास्पिटल में अत्याधुनिक तकनीकी से टोटल हिप रिपलेसमेंट (कूल्हा प्रत्यारोपण) का सफल आपरेश
न हुआ। इस सफलता पर चर्चा है कि अब तक यह उपचार देश के बड़े शहरों में एवं बड़े खर्च पर किया जाता है जो आम आदमी की पहुंच से बाहर है। खर्च न वहन करने के कारण लोग आजीवन तकलीफ झेलते रहते हैं लेकिन शाहगंज के आर्थोपैडिक सर्जन डा. जेपी दूबे ने कम खर्च में किया सफल शुरूआत किया। उन्होंने बताया कि कूल्हे के कठिन फ्रैक्चर, कूल्हे की गठिया, कूल्हे में संक्रमण की स्थिति में कूल्हे में जांघ की हड्डी का गोला व एसीटाबुलम की कार्टिलेज निकाल दिया जाता है और एसीटाबुलम में सिरैमिक कप फिट कर दिया जाता है। जांघ की हड्डी में मेटैलिक गोला फिट कर दिया जाता है और कृत्रिम कूल्हे का जोड़ तैयार हो जाता है। उन्होंने बताया कि श्रीप्रकाश यादव 55 साल निवासी तिघरा पल्थी जनपद आजमगढ़ नामक मरीज ने अपने कूल्हे का जोड़ प्रत्यारोपण 10 साल पहले कहीं कराया था लेकिन धीरे-धीरे जोड़ में दर्द बढता गया एवं पैर छोटा होने लगा जिससे वह काफी परेशान हो गया। कई बडे़ शहरों में उपचार कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। विगत दिनों मरीज आरके आर्थोपैडिक हास्पिटल शाहगंज आया जहां डा. जेपी दूबे ने मरीज का कूल्हे का जोड़ निकालकर कृत्रिम कूल्हा का जोड़ निकालकर कृत्रिम कूल्हा लगाने की सलाह दिया। इसके बाद डा. दूबे व उनके सहयोगी डा. अशोक गुप्ता ने सफल आपरेशन किया जो पूर्वांचल के लिये नई पहल है।
जौनपुर। शाहगंज नगर के आरके हास्पिटल में अत्याधुनिक तकनीकी से टोटल हिप रिपलेसमेंट (कूल्हा प्रत्यारोपण) का सफल आपरेश
न हुआ। इस सफलता पर चर्चा है कि अब तक यह उपचार देश के बड़े शहरों में एवं बड़े खर्च पर किया जाता है जो आम आदमी की पहुंच से बाहर है। खर्च न वहन करने के कारण लोग आजीवन तकलीफ झेलते रहते हैं लेकिन शाहगंज के आर्थोपैडिक सर्जन डा. जेपी दूबे ने कम खर्च में किया सफल शुरूआत किया। उन्होंने बताया कि कूल्हे के कठिन फ्रैक्चर, कूल्हे की गठिया, कूल्हे में संक्रमण की स्थिति में कूल्हे में जांघ की हड्डी का गोला व एसीटाबुलम की कार्टिलेज निकाल दिया जाता है और एसीटाबुलम में सिरैमिक कप फिट कर दिया जाता है। जांघ की हड्डी में मेटैलिक गोला फिट कर दिया जाता है और कृत्रिम कूल्हे का जोड़ तैयार हो जाता है। उन्होंने बताया कि श्रीप्रकाश यादव 55 साल निवासी तिघरा पल्थी जनपद आजमगढ़ नामक मरीज ने अपने कूल्हे का जोड़ प्रत्यारोपण 10 साल पहले कहीं कराया था लेकिन धीरे-धीरे जोड़ में दर्द बढता गया एवं पैर छोटा होने लगा जिससे वह काफी परेशान हो गया। कई बडे़ शहरों में उपचार कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। विगत दिनों मरीज आरके आर्थोपैडिक हास्पिटल शाहगंज आया जहां डा. जेपी दूबे ने मरीज का कूल्हे का जोड़ निकालकर कृत्रिम कूल्हा का जोड़ निकालकर कृत्रिम कूल्हा लगाने की सलाह दिया। इसके बाद डा. दूबे व उनके सहयोगी डा. अशोक गुप्ता ने सफल आपरेशन किया जो पूर्वांचल के लिये नई पहल है।
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