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Tuesday 31 May 2016

शाहगंज में आयोजित शिविर के तीसरे दिन उमड़ी भारी भीड़

शाहगंज, जौनपुर। स्थानीय नगर के उत्सव वाटिका में पतंजलि योग समिति व भारत स्वाभिमान के संयुक्त तत्वावधान में २५ दिवसीय सह योग शिक्षक प्रशिक्षण शिविर के तीसरे दिन योग सत्र में सैकड़ों की
जौनपुर के शाहगंज में चल रहे २५ दिवसीय योग शिविर के
तीसरे दिन योगाचार्य डा. हेमन्त यादव को सम्मानित करते
पूर्व चेयरमैन ओम प्रकाश जायसवाल।
छाया-तेजस टूडे
संख्या में लोगों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान डा. हेमंत यादव जिला प्रभारी युवा भारत पतंजलि जौनपुर व कृष्ण मुरारी कोषाध्यक्ष भारत स्वाभिमान ने योगा, प्राणायाम आदि का अभ्यास कराते हुये संयमित दिनचर्या की विधि बताया। इसके पहले शिविर का शुभारम्भ शाहगंज नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन ओम प्रकाश जायसवाल व डा. राजकुमार मिश्र ने दीप प्रज्ज्वलन करके किया।
इस अवसर पर अनिल मोदनवाल, मनोज पाण्डेय, विरेन्द्र कुमार, प्रदीप जायसवाल, वीरेन्द्र यादव, ओम शरण, किरनलता यादव सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

सेवा भाव से बड़ा कोई कार्य नहीं

हार्टफुलनेसः तनावमुक्ति एवं ध्यान विषयक गोष्ठी सम्पन्न
जौनपुर (सं.) 31 मई। वीर बहादुर सिंह पू.वि.वि. के संकाय भवन स्थित संगोष्ठी कक्ष में राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय राज्यस्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन सत्र में हार्टफुलनेसः तनावमुक्ति एवं ध्यान विषयक गोष्ठी का आयोजन किया गया।
बतौर मुख्य अतिथि गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त माननीय न्यायमूर्ति आर.आर.के. त्रिवेदी ने कहा कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिमाग की संकल्पना को बनाए रखने की जरूरत है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क होता है। उन्होंने कहा कि अपनी वास्तविक प्रकृति की प्रसन्न व पुलकित अवस्था को महसूस कर उसे अपने हृदय में अनुभव करना चाहिए। जब हम अपनी अन्तःप्रेरणा से कुछ करते हैं तो हम अपने जीवन को सार्थक करते हैं। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि सेवा भाव से बड़ा कोई कार्य नहीं है।
गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि जीवन को अपने घर परिवार के साथ जीते हुए यह जरूरी है कि आप समाज के अन्य लोगों के लिए भी उनके साथ जीना सीखिए। यदि सफर में आप रेलगाड़ी से उतरते हैं तो राहगीरों से भी बातचीत करना सीखिए। किसी की भी परेशानियों को नजरअन्दाज न करें बल्कि उसमें समाहित हों। सदैव कल्याण की भावना रखें। संवेदनशीलता से ही बेहतर समाज का निर्माण किया जा सकता है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कार्य परिषद के सदस्य एवं चौधरी चरण सिंह वि.वि. मेरठ के प्रोफेसर वीके मेहरोत्रा ने कहा कि सेवा कार्य में अर्पित होते समय तन, मन एवं धन समस्त न्यौछावर होते हैं। उन्होंने कहा कि मानवता की सेवा से व्यक्ति ऊंचाई हासिल करता है।
इसके पूर्व प्रशिक्षण शिविर में उपस्थित समस्त कार्यक्रम अधिकारियों को कर्नल सुरेन्द्र कुमार शर्मा एवं सुयश मिश्र द्वारा तनाव मुक्ति हेतु ध्यान का प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से पधारे कार्यक्रम अधिकारियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डा. हसीन खान ने किया। इस अवसर पर वित्त अधिकारी एम.के. सिंह, उपकुलसचिव संजीव सिंह, डा. मानस पाण्डेय, डा. मनोज मिश्र, डा. वेदप्रकाश चौबे, डा. अवधेश कुमार, डा. विजय प्रताप तिवारी, डा. अजय विक्रम सिंह, डा. आरके गुप्ता, डा. केएस तोमर, डा. मधुलिका सिंह, डा. शमीम, डा. हुमा परवेज, डा. पूनम सिन्हा, रजनीश सिंह, अरूण सिंह सहित प्रतिभागी मौजूद रहे।

डीडीएस ने जल संरक्षण पर करायी प्रतियोगिता

जौनपुर (सं.) 31 मई। डीडीएस एवं रश्मि महिला शिक्षण संस्था ने भारतीय व विदेशी सभ्यता पर बच्चों के बीच वाद-विवाद व जल संरक्षण पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित किया जहां मुख्य अतिथि डा. विमला सिंह ने कहा कि संस्था के इस सराहनीय कार्य को सफलता तब तक नहीं मिलेगी जब तक जल संरक्षण की ओर हम सब मिलकर प्रयासरत नहीं होंगे। पानी उतना ही खर्च करना चाहिये जितनी जरुरत है।
जौनपुर नगर में जल संरक्षण दिवस पर आयोजित प्रतियोगिता
में खुशी मनाते अव्वल आये बच्चे। छाया-तेजस टूडे
अति विशिष्ट अतिथि संजय सेठ जेब्रा ने कहा कि जल संचारित करने के लिये संकल्प लें। कार्यक्रम के संचालक शिक्षक गुरुपाल सिंह ने कहा कि यदि यही स्थिति रही तो 2050 तक जौनपुर भी अन्य जिलों की तरह जल संकट से जूझेगा। वाद विवाद प्रतियोगिता में हरिकेन ने प्रथम व एवेंजर्स ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
भाषण प्रतियोगिता में नीरज उपाध्याय प्रथम, कौशिकी सिंह द्वितीय, अंकित तृतीय और दिग्विजय चतुर्थ आये। अंत में शिक्षण प्रशिक्षण संस्था की संचालिका ने आभार जताया। अतिथियों ने विजेता टीम व अव्वल विद्यार्थियों को शील्ड व मेडल भेंट किया। 
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि पूजा यादव, डायरेक्टर डीपी सिंह, देवेन्द्र सिंह एडवोकेट, वंदना सिंह, सारथी, शिखर, वंदना, आकृति, शहनाज, प्रशांत, संदीप सिंह, मानसी सहित अन्य उपस्थित रहे।


मनाया गया लोकमाता अहिल्याबाई का जन्मदिन

जौनपुर (सं.) 31 मई। गतरोज लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर का जन्मदिवस समारोह मंगलवार को उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कन्हईपुर में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता रामरथी पाल धनगर ने किया जहां सर्वप्रथम उपस्थित गड़ेरिया समाज के लोगों ने मां की चरणों में पुष्प अर्पित किया। इसके बाद लोकमाता के जीवन पर प्रकाश डालते हुये जिलाध्यक्ष राजेश पाल धनगर ने कहा कि भारत देश में हिन्दी स्वराज की स्थापना हेतु लोकमाता ने अपने जीवन का बलिदान किया। विशाल हृदय की धनी मां ने देश में तमाम घाट, मन्दिर, धर्मशालाएं बनवायीं। इतना ही नहीं, विश्व प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर की भी मां ने रक्षा की।
इसके अलावा बृजेश पाल, विवेक पाल, विनोद पाल धनगर सहित अन्य वक्ताओं ने मां के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन विवेक धनगर ने किया।
इस अवसर पर राजमणि पाल, विनोद पाल, पंकज, विजय, सुनील, कमलेश, रामराज, डा. विनोद, कतवारू, राम किशोर, रामकेवल, विकास, अश्वनी, राधेश्याम सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

कलेक्ट्रेट अधिवक्ताओं का प्रदर्शन 5वें दिन और उग्र

सिटी मजिस्टेªट सहित सभी कोर्टों का हुआ बहिष्कार
भारी संख्या में बुला लिये गये पुलिस व पीएसी जवान
जौनपुर (सं.) 31 मई। कलेक्ट्रेट अधिवक्ताओं के चल रहे धरना-प्रदर्शन के 5वें दिन मंगलवार को अधिवक्ताओं ने प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालय में तालाबंदी कर जोरदार प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी के शिकायती प्रकोष्ठ सहित सिटी मजिस्ट्रेट के कक्ष को भी नहीं खुलने दिया। अधिवक्ताओं के आक्रोश देख कई थानों की फोर्स व पीएसी बुला ली गयी जिसको देखते ही अधिवक्ता और उग्र हो गये और जमकर नारेबाजी करने लगे। 
इसी क्रम में जिले के तहसीलस्तरीय कोर्ट भी बंद रहे। गौरतलब हो कि कलेक्ट्रेट के वरिष्ठ अधिवक्ता ढेरापुर गांव निवासी ओम प्रकाश मिश्र के घर में बीते 15 मार्च की रात लाखों की चोरी हुई थी। डीएम-एसपी के निर्देश के बाद बक्शा पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्रवाई न किये जाने से अधिवक्ता पिछले 4 दिनों से लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं और कलेक्ट्रेट बार का मुख्य द्वार बंद करके जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठकर थानाध्यक्ष बक्शा को हटाने और चोरी का खुलासा करने की मांग कर रहे हैं।
इसी क्रम में मंगलवार की सुबह कलेक्टेªट बार के अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह की नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने प्रशासनिक अधिकारियों के कक्ष को नहीं खुलने दिया। सिटी मजिस्ट्रेट व जिलाधिकारी के शिकायती प्रकोष्ठ को भी पूरी तरह से बंद करा दिया। इसके अलावा तहसीलदार सहित सभी कोर्टों का पूर्ण बहिष्कार हुआ। अधिवक्ताओं के आक्रोश को देखते हुये अपर आरक्षी अधीक्षक व सिटी मजिस्ट्रेट धरनास्थल पर पहुंच गये और कई थानों की फोर्स, एक प्लाटून पीएससी भी बुला ली गयी। देखते ही देखते पूरा कलेक्ट्रेट परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया।
उधर बार अध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि हम अपनी मांग पर अड़े रहेंगे। हम पुलिस से डरने वाले नहीं है। आज जिलास्तरीय हड़ताल रहा है। यदि जरुरत पड़ी तो हम मुख्यमंत्री से मिलकर भी शिकायत करेंगे। पूर्व अध्यक्ष विजय प्रताप सिंह ने कहा कि अभी तो शांतिपूर्ण ढंग से अधिवक्ता धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। शीघ्र ही इसे प्रदेशव्यापी हड़ताल का रुप दिया जायेगा।
इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता पं. यतीन्द्र नाथ त्रिपाठी, सुरेन्द्र बहादुर सिंह, राजेश गुप्ता, रामकृष्ण पाठक, रविन्द्र नारायण सिंह, पल्टू राम, रेखा गौतम, सूर्यमणि चौबे, हनुमान मिश्र, हर्ष पाण्डेय, यशवंत सिंह, घनश्याम सिंह, राकेश सिंह, मनोज मिश्र, उमेश उपाध्याय, ओमकार नाथ गिरी, आनन्द मिश्र आदि उपस्थित रहे।

ग्रामीणों के सहभागिता से बनेंगे अभिनव स्कूल

जौनपुर (सं.) 31 मई। जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी की अध्यक्षता में जिले के 210 अभिनव विद्यालय को अन्तिम रूप देने के क्रम में मंगलवार को मड़ियाहूं विकास खण्ड के प्राथमिक विद्यालय रजमलपुर में जिलाधिकारी ने अभिभावकों एवं सहयोग देने वालों के साथ सम्मेलन किया।
इस मौके पर खण्ड शिक्षा अधिकारी शैलेशपति यादव ने बताया कि 16 मानक बनाया गया है। इसी प्रकार हर बच्चों का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जायेगा तथा जिस बच्चे का रिपोर्ट कार्ड खराब पाया जाता है तो उसके अभिभावक को अवगत कराया जायेगा। इस अवसर पर सुबास चन्द्र यादव ने 25 डेस्क, बेंच, रामचन्द्र पटेल ने 10, राजबली दिया तो लालचन्द्र, जिलेदार, चन्द्र प्रकाश ने सहयोग का आश्वासन दिया। कार्यक्रम का संचालन सहायक अध्यापक रवि यादव ने किया।
जिलाधिकारी ने बताया कि अध्यापकों के साथ अभिभावकों की भी जिम्मेदारी है कि वे प्रतिदिन बच्चे को विद्यालय अवश्य भेजें व दिये गये कार्य को भी पूर्ण कराये। इसी प्रकार जिलाधिकारी ने रामपुर विकास खण्ड के प्राथमिक विद्यालय नूरपुर में अभिभावक/सहयोग करने वालों के साथ अभिभावक सम्मेलन किया जहां ग्राम प्रधान गीता देवी, खण्ड शिक्षाधिकारी महेन्द्र मौर्य, खण्ड विकास अधिकारी बेचन राम, उपजिलाधिकारी रामकेश यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन सहायक अध्यापक विजय गुप्ता ने किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने विकास खण्ड के अभिनव विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं प्रधानों के साथ बैठक करके अभिनव विद्यालय के कार्य को गुणवत्तापूर्ण कराने का निर्देश दिया।

खुले में शौच मुक्त करने का ग्रामीणों को दिलाया संकल्प

जौनपुर (सं.) 31 मई। जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी ने प्रातः 7 बजे मड़ियाहूं विकास खण्ड के ग्राम कटेसर को शौचमुक्त बनाने हेतु चौपाल लगाकर योजना के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही खण्ड विकास अधिकारी प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि इस गांव में 214 परिवार में है जिसमें से 94 घरों में शौचालय बनाया जा चुका है जबकि 120 की मांग है।
अनूप जिला समन्वयक स्वच्छता सहित राहुल सिंह ने ग्रामीण जनता द्वारा घर-घर शौचालय बनाने व उसका उपयोग करने के साथ ही गांव में गंदगी न करने की अपील करते हुये बताया कि शौचालय के इस्तेमाल न करने व बाहर शौच जाने से अनेक प्रकार की बीमारियां होती हैं जिससे हजारों रूपये व्यय होते हैं। गांव के भोला सिंह, पंकज कुमार, मंजू आदि ने अपनी तरफ से शौचालय बनवाने की अपील किया तो पीडी तेज प्रताप मिश्र ने बताया कि जैसे हम आप अपने जरूरी कार्य के लिये धन एकत्रित करके कार्य को पूर्ण करते हैं, न कि सरकार से धन प्राप्त होने पर कोई कार्य करते हैं, वैसे हम अपने सम्मान के लिये बहू/बेटी को शौच हेतु बाहर न भेजें।
जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी राम नारायण यादव ने ग्रामीणों से अपील किया कि शौचालय बनवाकर उपयोग करें। अन्त में श्री गोस्वामी ने ग्रामवासियों ने 10 जून तक गांव को ओडीएफ कराने का आश्वासन दिया। इस दौरान गांव में 4 निगरानी समिति का गठन किया गया जो सुबह-शाम फालोअप करेगा।
इस अवसर पर ज्वाइण्ट मजिस्टेªट सत्येन्द्र सिंह, उपजिलाधिकारी मड़ियाहूं रामकेश यादव, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी राम नारायण यादव, खण्ड विकास अधिकारी चन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव, एडीओ पंचायत तिलकधारी यादव, ग्राम प्रधान अरूण कुमार सहित तमाम लोगों की उपस्थिति रही।

प्राथमिक शिक्षक संघ ने कई बिन्दुओं पर की गहनता से चर्चा

जौनपुर (सं.) 31 मई। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की बैठक जिलाध्यक्ष अरविन्द शुक्ल की अध्यक्षता में कचहरी स्थित कैम्प कार्यालय पर हुई जहां निम्न बिन्दुओं पर चर्चा हुई।
इस मौके पर श्री शुक्ल ने कहा कि शिक्षकों की पदोन्नति, फण्ड लोन व चयन वेतनमान पत्रावलियों का निस्तारण बीएसए द्वारा आश्वासन एवं लिखित पत्र के बावजूद न होना गम्भीर समस्या है। इसका अविलम्ब निस्तारण कराया जायेगा। संगठन के सभी पदाधिकारी अपने विद्यालय को अभिनव विद्यालय की तरह डेस्क-बेंच से सुसज्जित करने का कार्य सामाजिक एवं व्यक्तिगत सहयोग से करेंगे। बच्चों के न आने से विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन योजना पूरी तरह फ्लाप है। ग्रीष्मावकाश में शिक्षक एवं रसोइया आदेश के अनुपालन में सिर्फ हलकान हो रहे हैं।
राजधानी, गोण्डा सहित अन्य जनपदों की तरह मध्यान्ह भोजन खाने जहां बच्चे नहीं आ रहे हैं, वहां बंद किया जाय। अन्त में उन्होंने कहा कि उपरोक्त निर्णय से सक्षम अधिकारियों को अवगत कराते हुये इसका निस्तारण कराया जायेगा। बैठक का संचालन रविचन्द यादव ने किया।
इस अवसर पर लाल साहब यादव, वीरेन्द्र प्रताप सिंह, राम दुलार यादव, लक्ष्मीकांत सिंह, संजीव सिंह, अनिल यादव, कमलेश सिंह, प्रमोद दूबे, उमेश मिश्र, मनोज यादव, शैलेन्द्र पाल, अरविन्द यादव आदि उपस्थित रहे।

आत्महत्या के लिये उकसाने वाले पति को 7 साल की कैद

जौनपुर (सं.) 31 मई। आत्महत्या के लिये उकसाने पर पति व उसकी दूसरी पत्नी को 7 वर्ष कैद व दस हजार रूपये जुर्माने से दण्डित किया गया। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम बुद्धिराम यादव ने सुनाया है।
मालूम हो कि नेवढ़िया थाना क्षेत्र के गोथू गांव निवासी मनभावती ने पति मुन्ना लाल व उसकी दूसरी पत्नी मीना देवी की प्रताड़ना से क्षुब्ध होकर 24 दिसम्बर 2011 की रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस मामले में मुन्ना लाल, मीना देवी सहित मुन्ना लाल के भाई सुनील व मां शकुन्तला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।
सत्र परीक्षण के दौरान विद्वान न्यायाधीश श्री यादव ने मुन्ना लाल सहित उसकी दूसरी पत्नी मीना देवी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया जबकि दोषी मुन्ना के भाई सुनील व मां शकुंतला को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया।

यूथ ब्रिगेड ने दुकानकारों को बतायी सपा की सरकार की उपलब्धि

जौनपुर (सं.) 31 मई। मुलायम सिंह यादव यूथ ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने नगर के किला रोड से लेकर अटाला मस्जिद तक घूम-घूम कर दुकानदारों से मुलाकात किया।

इस दौरान सपाजनों ने सरकार के विकास कार्यों की जानकारी देते हुये उनसे आग्रह किया कि विकास की गति रूकने न पाये, इसलिये आगामी विस चुनाव में पुनः सपा की सरकार बनवायें।
इस अभियान में सदर विस अध्यक्ष रंजीत सोनकर, मुकेश यादव, अबूसाद अहमद, मो. फातिन, आफताब आलम, अंसार अहमद, मो. तस्लीम, गौतम माली, नीतेश कुमार, शुभम श्रीवास्तव के अलावा तमाम यूथ कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


विभिन्न संगठनों ने सामूहिक रूप से मनायी पत्रकारिता दिवस

उत्कृष्ट कार्य करने वाले पत्रकारों सहित कई हुये सम्मानित
जौनपुर (सं.) 31 मई। सम्पादक मण्डल, उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन व जिला मान्यताप्राप्त पत्रकार एसोसिएशन की जिला इकाई के संयुक्त तत्वावधान में हिन्दी पत्रकारिता दिवस मनाया गया।
जौनपुर के पत्रकार भवन में पत्रकारिता दिवस पर आयोजित गोष्ठी
में मंचासीन अतिथिगण। छाया-तेजस टूडे
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार कामेश्वर नाथ ने किया जहां मुख्य अतिथि मेजर टीएल मिश्र, विशिष्ट अतिथि डा. पीसी विश्वकर्मा व डा. आरएन त्रिपाठी रहे। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि पंकार संगठनों का सामूहिक रूप से हिन्दी दिवस मनाना सराहनीय कार्य है। समस्या व संघर्ष का नाम पत्रकारिता है। हिन्दी पत्रकारिता व प्रिण्ट मीडिया का प्रभाव कभी कम नहीं होगा। वक्ताओं ने नसीहत दी कि पत्रकारों को संयम व ईमानदारी दिखाना चाहिये। सच्चाई को हर हालात में जनता के सामने लाने में कोताही नहीं करनी चाहिये।
इस दौरान टीएन मिश्रा, कामेश्वर नाथ, डा. आरएन त्रिपाठी, दीवानी बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री कामरेड जय प्रकाश सिंह, पत्रकार शशिराज सिन्हा को सम्पादक मण्डल के अध्यक्ष जय प्रकाश मिश्र, उपजा के जिलाध्यक्ष डा. ज्ञान प्रकाश सिंहव मान्यताप्राप्त पत्रकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सम्शी अजीज ने अंगवस्त्र्म, स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर यादवेन्द्र दत्त दूबे मनोज, महेन्द्र, राजेन्द्र सोनी, विकास सोनी, राजेश श्रीवास्तव, आद्या प्रसाद, नखड़ू विश्वकर्मा, जोगेन्द्र सिंह, शैलेन्द्र यादव, मंगला प्रसाद तिवारी, सुशील स्वामी, जावेद रिजवी, राकेशकान्त पाण्डेय, छोटे राजपूत, दीपक गुप्ता, विद्याधर राय विद्यार्थी, वीरेन्द्र मिश्र, सुरेन्द्र श्रीवास्तव, रविन्द्र श्रीवास्तव, रऊफ खां, यशवन्त गुप्ता, मेंहदी हसन, अरविन्द पटेल, रमेश यादव, संजीव चौरसिया, जुबेर अहमद, विरेन्द्र गुप्ता, चन्दमोहन, अनिल दूबे, पंकज वर्मा, संजय शुक्ला, अब्बास, सुभाष पाण्डेय सहित तमाम सम्पादक, पत्रकार मौजूद रहे। संचालन डा. प्रमोद वाचस्पति ने किया।



साथी के निधन पर आइडियल जर्नलिस्टों ने जताया शोक

जौनपुर (सं.) 31 मई। आइडियल जर्नलिस्ट एसोसिएशन की इकाई जनपद की बैठक इजा के कार्यालय रुहट्टा पर हुई जहां वाराणसी जिलाध्यक्ष राकेश सिंह के आकस्मिक निधन पर पत्रकारों ने शोक जताया।
इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष/संस्थापक डा. प्रमोद वाचस्पति ने बताया कि श्री सिंह निर्भीक एवं जुझारु पत्रकार होने के साथ सरल एवं मृदुभाषी थे। उन्होंने फिल्म जगत एवं फिल्मी पत्र-पत्रिकाओं के लिये पूर्व में बहुत ही उत्कृष्ट योगदान दिया है। मुम्बई व दिल्ली में सीएनएन हेतु विशेष भूमिका भी निभायी है। इस दौरान उपस्थित पत्रकारों ने नम आंखों से भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुये दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना किया।
शोकसभा में राष्ट्रीय महासचिव डा. आरपी विश्वकर्मा के अलावा डा. मानिक राव, डा. आरके जैन, डा. हरिश्चन्द्र यादव, सुशील स्वामी, धर्मेन्द्र सेठ मारकण्डेय तिवारी, अवधेश मिश्र, जितेन्द्र गुप्ता, अमरेश सिंह, डा. अंगद राही, विजय अग्रवाल, जावेद आलम आदि रहे। संचालन जिलाध्यक्ष आद्या प्रसाद सिंह ने किया।

शाही किले में योगियों ने की विश्व योग दिवस की तैयारी

जौनपुर (सं.) 31 मई। संयुक्त राष्ट्रसंघ के माध्यम से वैश्विक स्तर पर भारत की प्राचीनतम सभ्यता व संस्कृति की अनमोल धरोहर योग को जन-जन तक पहुंचाने की प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना की झलक शिराज-ए-हिन्द जौनपुर में दिखायी देना शुरू हो गयी है।
प्रान्तीय सह प्रभारी अचल हरिमूर्ति के दिशा निर्देशन में दर्जनों जगहों पर सुबह-शाम दिये गये प्रोटोकाल के तहत योगाभ्यास कराकर विश्व योग दिवस की तैयारी की जा रही है। शाही किला में तो बड़े, बूढ़े, बच्चों, महिलाओं सहित सभी धर्मों के लोग एक साथ नियमित और निरन्तर योगाभ्यास करके पुरी दुनिया को अपने भाई चारा का खूबसूरत संदेश दे रहे हैं। योगाभ्यास के प्रोटोकाल के तहत लगभग 45 मिनट में कपालभाति, अनुलोम-विलोम, शीतली, भ्रामरी प्राणायामों सहित डेढ़ दर्जन आसनों सहित ध्यान व योगनिद्रा का अभ्यास किया जा रहा है।
इस अवसर पर संतोष योगी, जगदीश योगी, डा. ध्रुवराज, प्रो. वीडी शर्मा, डा. चन्द्रसेन योगी, सिकन्दर, डा. हेमंत, शम्भूनाथ योगी, ममता भट्ट, अन्जुम श्रीवास्तव, लाल बहादुर योगी के अलावा तमाम सम्बन्धित लोग उपस्थित रहे।


Monday 30 May 2016

जन सहारा फाउण्डेशन ने एसडीएम को किया सम्मानित

मछलीशहर, जौनपुर (सं.) 30 मई। स्थानीय नगर की अग्रणी संस्था जन सहारा फाउण्डेशन ने अख्तर इकबाल की अध्यक्षता में कार्यक्रम किया जहां उपजिलाधिकारी मछलीशहर विजय बहादुर सिंह को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। साथ ही स्थानीय नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी धर्मराज राम व बिजली विभाग के जेई विकास यादव को सम्मानित किया गया।
जौनपुर के मछलीशहर में उपजिलाधिकारी विजय बहादुर सिंह
को सम्मानित करते जन सहारा फाउण्डेशन के पदाधिकारीगण।
छाया-तेजस टूडे
कार्यक्रम में संस्था के संचालक अफसर अली ने सभी का स्वागत करते हुये कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन समाज के लिये जरूरी है। इसी क्रम में उपजिलाधिकारी श्री सिंह ने कहा कि अगर मैं मछलीशहर में हूं तो मुझे लगना चाहिये कि यह मेरा शहर है। मै मछलीशहर कस्बे को एक आदर्श कस्बे के रूप में देखना चाहता हूं। कार्यक्रम को अधिशासी अधिकारी, जेई सहित अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया। अंत में संस्था के संचालक श्री अली ने सभी आगंतुकों को धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर सोनू फरीदी, प्रेमचन्द्र विश्वकर्मा एडवोकेट, अहमद अली, अजीत यादव, गुलनवाज, पत्रकार विपिन मौर्या, राजकुमार, आलोक विश्वकर्मा, शराफत अली, अतीक अन्सारी, सिकन्दर बहादुर मौर्य, प्रकाश यादव, अमीन, मंगल प्रसाद, इजहान अहमद, प्रभूराज, विरेन्द्र मौर्य, अजीज अहमद सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।


भाजपाइयों ने चौपाल लगाकर गिनायीं केन्द्र सरकार की उपलब्धि

मछलीशहर, जौनपुर (सं.) 30 मई। स्थानीय तहसील क्षेत्र मीरगंज बाजार में भाजपा कार्यकर्ताओं ने चौपाल लगाकर केन्द्र सरकार के दो वर्ष के कार्यों को जनता के बीच बताया। उक्त बाजार में चौपाल के माध्यम से लोगों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जनता के हितांे में चलायी गयीं प्रधानमंत्री जनधन योजना, किसानों के लिये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को विस्तार से बताया।
वक्ताओं की कड़ी में रमेश चन्द तिवारी, ब्रह्मदेव तिवारी, जनार्दन सिंह सहित अन्य ने अपना विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद प्रतिनिधि डा. विजय चन्द पटेल ने कहा की प्रधानमंत्री मोदी जी ने सारी योजनाओं को गरीबों के हितों में चलाा है। उनका सपना स्वस्थ भारत, सेहतमंद भारत है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता दुर्बली राम बिन्द व संचालन राजेन्द्र सिंह ने किया। इस अवसर पर भाजपा नेता मेंही लाल गौतम, राजेश सिंह, दिलीप सिंह, मण्डल अध्यक्ष कृष्णकान्त दूबे, राजकृष्ण शर्मा, अभिषेक सिंह, माताशंकर उपाध्याय सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

निराकार प्रभु की सत्ता शाश्वत हैः वशिष्ठ नारायण

जौनपुर (सं.) 30 मई। इंसान जीवन में अनेकों उपलब्धियां हासिल करता है लेकिन यह सुअवसर मिलने के बाद अगर आत्मा का कल्याण नहीं किया तो इस संसार में खाली आया और खाली चला जायेगा। संसार बनता-बिगड़ता रहता है परन्तु इस निराकार प्रभु की सत्ता शाश्वत है जो इस सत्ता के साथ जुड़ जायेगा तो संसार से खाली नहीं जायेगा, बल्कि कुछ प्राप्ति करके जायेगा। इस प्रकार निराकार परमात्मा का बोध ही आत्मा के कल्याण का आधार है।
उक्त उद्गार लखमापुर स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन के प्रांगण में ब्रह्मलीन महात्मा दूधनाथ के श्रद्धांजलि सत्संग समारोह को सम्बोधित करते हुये वशिष्ठ नारायण पाण्डेय ने व्यक्त किया। मंच का संचालन श्याम बिहारी ने किया।
इस अवसर पर मेवा लाल, डा. सुरेन्द्र कुमार, राम प्रसाद, बबलू जी, राज बहादुर, पिण्टू जी, विरेन्द्र जी, डा. शंकर दयाल, मयाशंकर, श्याम लाल साहू, राधेश्याम द्विवेदी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

गोजए ने राजेश श्रीवास्तव व राम सरन यादव को किया सम्मानित

जौनपुर (सं.) 30 मई। जौनपुर नगर के एक होटल में हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में जनपद में इलेक्ट्रानिक चैनल के जन्मदाता व पोर्टल शिराज-ए-हिन्द डाट काम के सम्पादक राजेश श्रीवास्तव सहित दो पत्रकारों को सम्मानित किया गया।
जौनपुर में आयोजित पत्रकारिता दिवस पर वरिष्ठ पत्रकार राजेश श्रीवास्तव व राम सरन यादव
को सम्मानित करते मंचासीन अतिथिगण। छाया-तेजस टूडे
श्री श्रीवास्तव के अलावा सम्मानित होने वाले केराकत के वरिष्ठ पत्रकार राम सरन यादव हैं। यह सम्मान पत्रकारिता जगत में उत्कृष्ट सेवा कार्य करने पर दिया गया है। बता दें कि गोमती जर्नलिस्ट एसोसिएशन की यह परम्परा रही है कि प्रत्येक वर्ष हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर एक जिला मुख्यालय एवं ग्रामीणांचल के पत्रकार को सम्मानित करता है।

सम्मानित करने वालों में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डा. तुलसी दास मिश्र, दैनिक आज के समाचार सम्पादक केडीएन राय एवं वरिष्ठ संवाददाता दीनबन्धु राय के अलावा एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. राम सिंगार शुक्ल गदेला, महामंत्री संजय अस्थाना रहे।


आज कार्पोरेट के हाथों गिरवी हो गयी पत्रकारिता

भाषा के प्रति काफी सावधान रहें सम्पादक व संवाददाताः केडीएन राय
वरिष्ठ पत्रकार राजेश श्रीवास्तव व राम सरन यादव किये गये सम्मानित
गोमती जर्नलिस्ट एसोसिएशन व श्रमजीवी पत्रकार यूनियन (पं.) ने संयुक्त रूप से मनायी हिन्दी पत्रकारिता दिवस
जौनपुर (सं.) 30 मई। आज पत्रकारिता कार्पाेरेट जगत के हाथों गिरवी हो गयी है तथा जनहित पीछे कर दिया गया है। स्वतंत्रचेता सम्पादक की हैसियत एक कर्मचारी की रह गयी है। प्रबन्ध तंत्र जो चाहता है, समाचार पत्र में वही छपता है। समाचार पत्र अर्थ का साधन बन गया है। 60-40 प्रतिशत की आचार संहिता कूड़ेदान में फेंक दी गयी है। उक्त बातें डा. तुलसी दास मिश्र विभागाध्यक्ष जनसंचार विभाग सम्पूर्णानन्द संस्कृति विश्वविद्यालय वाराणसी ने कही। वे यहां हिन्दी पत्रकारिता दिवस 190वीं वर्षगांठ पर गोमती जर्नलिस्ट एसोसिएशन एवं उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन (पं.) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित समारोह में बतौर अतिथि थे।
जौनपुर में हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर आयोजित
समारोह को सम्बोधित करते समाचार सम्पादक
केडीएन राय। छाया-तेजस टूडे
इसी क्रम में वाराणसी से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक समाचार सम्पादक कृष्ण देव नारायण राय ने अखबार की भाषा शैली को रेखांकित करते हुये कहा कि पाठक वर्ग हर बौद्धिक क्षमता का है। वह समाचार पत्र में आमजन के बीच की बोलचाल की भाषा पसन्द करता है। उसे जयशंकर प्रसाद की संस्कृतनिष्ठ साहित्यिक भाषा नहीं चाहिये, इसलिये भाषा के प्रश्न पर सम्पादकों व संवाददाताओं को सावधान रहना चाहिये।
वाराणसी के वरिष्ठ संवाददाता दीनबन्धु राय ने कहा कि समाचार में सत्यता, जनहित व संक्षिप्तता का ध्यान अवश्य रखना चाहिये। खबरों का अनावश्यक विस्तार अनुचित है।  इसके पहले मंचासीन अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। तत्पश्चात् वरिष्ठ पत्रकार श्याम नारायण पाण्डेय ने कहा कि 30 मई 1826 को पं. जुगल किशोर शुक्ल द्वारा उदण्त मार्तण्ड प्रकाशित किया गया लेकिन तत्कालीन शासन-प्रशासन और सरकार का शिकार होकर 11 दिसम्बर 1927 को बंद हो गया, क्योंकि वह सूचना व शिक्षा देने के साथ जनमानस में लोक जागरण का कार्य भी कर रहा था।
शिक्षाविद् डा. ब्रजेश यदुवंशी ने हिन्दी के शुद्ध प्रयोग पर बल देते हुये कहा कि देश की कान्वंेट एजूकेशन हमारी नयी पीढ़ी को न हिन्दी सीखने दे रही है और न ही अंग्रेजी। हमारी कार्यशालाओं में विदेशी अतिथि हमसे अच्छी हिन्दी बोलते हैं। इसके अलावा सम्पादक जय प्रकाश मिश्र, सम्पादक रामजी जायसवाल, अजय पाण्डेय, सुबास पाण्डेय, डा. गुलाब मौर्य, संजय अस्थाना, डा. यशवंत सिंह, अनिल दूबे आजाद सहित अन्य वक्ताओं ने अपना सारगर्भित विचार व्यक्त किया। नगर के एक होटल में आयोजित इस समारोह की अध्यक्षता श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष जय आनन्द व गोमती जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. राम सिंगार शुक्ल गदेला ने संयुक्त रूप से किया जबकि संचालन की भूमिका वरिष्ठ पत्रकार अनिल पाण्डेय ने निभायी।
इस अवसर पर समूह सम्पादक कैलाशनाथ, कैलाशनाथ मिश्र, प्रमोद जायसवाल, रमेश सोनी, डा. दिनेश तिवारी, डा. सुरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव, राजकुमार सिंह, वीरेन्द्र मिश्र विराट, ओम प्रकाश पाण्डेय, अजीत सोनी, दीपक चिटकारिया, रमेश यादव, डा. अनिल यादव, विपिन मौर्य, विनोद यादव, अनुज विक्रम सिंह, अखिलेश यादव, मनीष मिश्र, श्याम रतन श्रीवास्तव, संजय शुक्ला, सरोज श्रीवास्तव, महेन्द्र प्रताप चौधरी, आरिफ अंसारी, लक्ष्मी मौर्य, संजय श्रीवास्तव, प्रकाश चन्द्र शुक्ल, लालजीत डेमोस, कमलेश यादव, कुमार कमलेश, संजय चौरसिया सहित अन्य उपस्थित रहे।


विश्वविद्यालय में मनाया गया हिन्दी पत्रकारिता दिवस

पत्रकार स्वअध्यायी बनें : डा. सुनील कुमार
पत्रकारिता में समाज के सहारे एवं समर्थन की जरूरत : डा. अवध बिहारी सिंह
पत्रकारिता के क्षेत्र में हमेशा सक्रिय रहना बहुत जरूरी : डा. रूश्दा आजमी
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग में सोमवार को हिन्दी पत्रकारिता दिवस मनाया गया। जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डा. अजय प्रताप सिंह ने कहा कि आज भी हिन्दी पत्रकारिता का समाज में महत्वपूर्ण स्थान है। हिन्दी पत्रकारिता में समाज के मनोविज्ञान को समझा है। इसी के चलते यह जनमानस से सरोकार रखने वाली पत्रकारिता बन गयी है।
विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डा. अवध बिहारी सिंह ने कहा कि तिलक, गांधी और भगत सिंह सहित आजादी के दौर के प्राय: सभी क्रांतिकारियों-राजनेताओं ने मिशन के लिए पत्रकारिता का सहारा लिया। वह भी भाषायी पत्रकारिता, खासकर हिंदी पत्रकारिता का, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी बात पहुंचाई जा सके। आज पत्रकारिता में इस मिशन या समर्पण को बनाए रखने के लिए समाज के सहारे और व्यापक समर्थन की जरूरत है।
डा. सुनील कुमार ने कहा कि समूचे विश्व में पत्रकारिता आज भी संघर्ष और जज्बे का पेशा है। मिशन से प्रोफेशन और फिर ‘बिजनेस’ की बातें बहुत होती रही हैं। ‘मिशन’ से ‘प्रोफेशन’ के दौर में पहुंची पत्रकारिता के लिए व्यावसायिक नैतिकता का महत्व सबसे ऊपर है। इसके बावजूद समूचा परिदृश्य निराशापूर्ण नहीं है। कितना भी प्रोफेशनलिज्म हो, पत्रकारिता का मूलमंत्र या पत्रकारिता की आत्मा ‘मिशन’ ही है और वही रहेगी। कार्पोरेट जगत के आने से हिन्दी पत्रकारों की दशा सुधरी है मगर पत्रकारिता की दिशा अपने मूल से भटक गयी है। आज पत्रकारों को स्वअध्यायी बनना होगा।
डा. रूश्दा आजमी ने कहा कि आज विद्यार्थियों को पत्रकारिता के क्षेत्र में अपडेट रहने की जरूरत है क्योंकि प्रतियोगिता के दौर में हर अखबार नये कलेवर के साथ उतर रहा है। आज हिन्दी पत्रकारिता में तकनीकी के आगे भाषा से भटकना हमारी भूल है। हमें मानक हिन्दी का प्रयोग करना चाहिए।
विश्वविद्यालय के विद्यार्थी अब्दुल अहद आजमी एवं अंकित जायसवाल ने कहा कि आज के दौर में पत्रकारिता में अब मिशन नहीं रह गया है। बाजारीकरण के इस युग में मीडिया कार्पोरेट घरानों की हो गयी है इस क्षेत्र में कॅरियर बनाना बहुत ही मुश्किल काम है। हर दिन अंतिम दिन मानकर यहां कार्य करना पड़ता है। 
छात्र मनीष श्रीवास्तव एवं नरेन्द्र गौतम ने कहा कि पं. जुगुल किशोर मिश्र ने 30 मई 1826 को जब पत्रकारिता की शुरूआत की थी तो लोग सोचे नहीं थे कि हिन्दी पत्रकारिता का इतिहास इतना स्वर्णिम होगा। इन वर्षों में पत्रकारिता में धीरे धीरे बदलाव आता गया। मिशन वाली पत्रकारिता प्रोफेशन में बदली। वैश्वीकरण की हवा ने इसे ऐसा झकझोरा की यह बिजनेस का रूप ले ली। इसके पूर्व जनसंचार विभाग के विद्यार्थियों ने केक काटकर हिन्दी पत्रकारिता दिवस मनाया।
इस अवसर पर सत्यम श्रीवास्तव, अभिषेक श्रीवास्तव, पंकज प्रजापति, पंकज मिश्रा, रणधीर सिंह, मूलचन्द्र विश्वकर्मा, दिग्विजय मिश्र, दीपक अग्रहरि, शायली मौर्या, शुभांशू जायसवाल, राहुल शुक्ला, सौम्या श्रीवास्तव, एहसान हाशमी सहित शिक्षक, विद्यार्थी मौजूद रहे।

Sunday 29 May 2016

पत्रकारिता दिवसः रोटी को मोहताज पत्रकार

शुभांशू जायसवाल
30 मई को हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर मेरा यह लेख उन पत्रकारों को समर्पित है जो अभावों की जिन्दगी जीने के बावजूद अपने स्वभाव में से पत्रकारिता की आवाज सिर्फ इसलिये बुलंद किये हुये हैं, क्योंकि वे लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के रूप में अपनी पत्रकारिता को स्वतंत्र रूप से करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
वैश्विक परिवर्तन के बीच में जहां पूंजीवादी व्यवस्था के कारण व्यवसाइयों में एक-दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ लगी रहती है, वहीं सामाजिक व्यवस्था एवं अपराध से जुड़ी खबरों के लिये संघर्ष करता पत्रकार बमुश्किल अपने परिवार के लिये दो वक्त की रोटी जुटा पाता है। ऐसा नहीं है कि पत्रकारिता निर्धनों का कार्य है। समाचार पत्र के मालिक एवं सम्पादक विज्ञापनों एवं पेड न्यूज के माध्यम से दिन-रात तरक्की कर रहे हैं लेकिन ग्रामीण अंचलों और निचले स्तर का पत्रकार जो समाचार संग्रह से लेकर करोड़ों रूपये के विज्ञापनों का प्रमुख सूत्रधार होता है, के झोली में बड़ी मुश्किल से दो रोटी आ पाते हैं।
जेठ की तपती दोपहरी हो या पूस की कपकपा देने वाली रात हो, ये पत्रकार अपने कलम और कैमरे के साथ समाज में घट रही छोटी सी छोटी और बड़ी सी बड़ी खबरों को अखबार के माध्यम से आम जनमानस में पहुंचाते रहते हैं।
बड़े दुख के साथ आज हम सबको यह सोचना पडे़गा कि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका प्रशासनिक अमला या वोटों की खरीददारी से लेकर नेताओं की खरीद-फरोख्त तक करने वाला राजतंत्र इन पत्रकारों की निष्ठा एवं कर्मठता पर समय-समय पर चोट पहुंचाता रहा है। चाहे वे विनायक सेन जैसा पत्रकार जिनको निष्पक्ष पत्रकारिता के कारण 8 साल जेल में रहना पड़ा या जगेन्द्र सिंह जैसा पत्रकार जिन्हें जिंदा जला दिया गया। पत्रकारों पर हमला कोई नई बात नहीं है। आये दिन इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं।
हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर हम सभी को मिलकर इन संवाद सूत्रों एवं पत्रकारों के हित के लिये एकजुट होने के साथ-साथ इनके लिये संवेदनशील भी होना पड़ेगा, ताकि समाज में निर्भीक होकर यह पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ की रक्षा कर सकें।

हिन्दी मीडिया और वर्तमान चुनौतियां

डा. सुनील कुमार असिस्टेंट प्रोफेसर
जनसंचार विभाग वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविदयालय जौनपुर

हिन्दी पत्रकारिता ने जैसे-जैसे अपने पांव पंसारने शुरू किये। ठीक उसी के अनुपात में चुनौतियां भी अपने मुंह के आकार का विस्तार करती गईं। इसे आप संसार का नियम माने या सामाजिक रीति। यह तकरीबन हर क्षेत्र में लागू होता है। समूची भारतीय पत्रकारिता और मीडिया की वर्तमान चुनौतियों के संदर्भ में बात करने के पहले इसे 3 हिस्सों में समझने की जरूरत है। पहली अंग्रेजी पत्रकारिता, दूसरी हिन्दी व अन्य भारतीय भाषाओं के बड़े अखबारों की पत्रकारिता और तीसरी क्षेत्रीय अखबारों की पत्रकारिता। पहली, अंग्रेजी की पत्रकारिता तो बाजारवाद की हवा को आंशी में बदलने में लगी है और कमोवेश इसने सारे नैतिक मूल्यों और सामाजिक सरोकारों को शीर्षासन करा दिया है। दूसरी श्रेणी में आने वाले हिन्दी व अन्य भारतीय भाषाओं के बहुसंस्करणीय अखबार हैं। वे भी बाजारवादी हो हल्ले में अंग्रेजी पत्रकारिता के ही अनुगामी बने हैं। उनकी स्वयं की कोई पहचान नहीं है और वे इस संघर्ष में कहीं ‘लोक’ या जनसरोकारों से जुड़े नहीं दिखते। तीसरी श्रेणी में आने वाले क्षेत्रीय अखबार हैं जो अपनी दयनीयता के नाते न खास अपील रखते हैं और न ही उनमें कोई आंदोलनकारी या परिवर्तनकारी भूमिका निभाने की इच्छा शेष है। यानि मुख्य धारा की पत्रकारिता ने चाहे-अनचाहे बाजार की ताकतों के आगे आत्मसमर्पण कर दिया है।
भारत में हिन्दी पत्रकारिता के जन्म की गाथा की बात करें तो यह आजादी के आंदोलन की कोख से शुरू हुई। आजादी के संघर्ष के दौर में पत्रकार स्वतंत्रता सेनानी की भूमिका में थे, तब निःसंदेह वह हमारे हीरो थे। हमारे हीरोज का संघर्ष रंग लाया और अंग्रेज भाग खड़े हुए। 1947 के बाद देश का परिदृश्य बदला। इसी के साथ पत्रकारिता ने भी अपना चोला उतारा। मिशन वाली पत्रकारिता प्रोफेशन में बदली। वैश्वीकरण की हवा ने इसे ऐसा झकझोरा की यह व्यवसाय का रूप ले ली। यानी पत्रकारिता या मीडिया इण्डस्ट्री मालिकों के लिए नफा-नुकसान का व्यवसाय बन गया। साथ ही इसके पत्रकारों के लिए पत्रकारिता ग्लैमराइज कैरियर का विकल्प बन गई। इसके बाद शुरू हुआ इस पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर। यह पेड न्यूज, संस्थागत भ्रष्ट्राचार, तथाकथित स्टिंग आपरेशन और अनैतिक आचरण के आरोपों से चौतरफा घिरी है। पत्रकार ही नहीं मीडिया संस्थान भी संदेह की दृष्टि से देखे जा रहे हैं। सन् 2014 में पहली बार एक मीडिया संस्थान दूसरे पर कीचड़ उछालते नजर आ रहे हैं। यह मीडिया जगत के लिए बहुत ही दुखद पहलू है।
कहने का आशय यह है कि पत्रकारिता के क्षेत्र में पत्रकारों की इज्जत पहले से काफी कम हुई है। देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बनने के बाद मीडिया जगत में जो खेल हो रहा है। यह बहुत दुखद है। इसके लिए मोदी सरकार का मैं कोई दोष नहीं मानता। हो सकता है कि नरेंद्र मोदी ऐसा नहीं चाहते हो, मगर मीडिया संस्थान के पत्रकार उनका चारण करने से बाज नहीं आ रहे हैं। यह किसी भी लोकतांत्रित देश और वहां की जनता के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। याद रहे कि गणेश शंकर विद्यार्थी ने कहा था कि पत्रकार को हमेशा अपने आप को विपक्ष में रखकर सवाल करने चाहिए। इससे सरकार जनहित के काम पर जोर देती है और अपनी कमियों को सुधारती है। अगर पत्रकार या मीडिया समूह जिस दिन सरकार को भोंपू बन गया, उसी दिन उसके संस्थान से लोगों का विश्वास उठ जाएगा। हां यह बात दीगर है कि वह अच्छी खासी पूंजी और सरकारी पुरस्कार का जखीरा अपने संस्थान के लिए इकट्ठा कर लेगा। आज इंडिया टीवी, जी न्यूज, इंडिया न्यूज समेत दो दर्जन से अधिक न्यूज चैनल ऐसे है जो सरकार का गुणगान अपने ढंग से करके अपना और अपने मालिकों का प्रत्यत्क्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचाने का काम कर रहे हैं।
इन सबके बावजूद कई इमानदार पत्रकारों की भी फेहरिस्त है जो प्रोफेशन के जमाने में भी मिशन की पत्रकारिता कर रहे हैं। उनके अपने सिद्धान्त हैं, वसूल हैं और प्राथमिकताएं हैं। उन्होंने अपने रास्ते खुद बनाएं हैं। नया आसमान रचा है। वे उस दीपक की तरह मैदान में हैं जो डूबते सूरज को भरोसा दिलाते हैं कि नई सुबह आने से पहले तक घुप्प अंधेरे से वे जमकर मुकाबला करेंगे। नए उजास की उम्मीद समाज को देते रहेंगे। मीडिया के ऐसे सरस्वती पुत्रों की कलम का कोई मीडिया मुगल बेजा इस्तेमाल नहीं कर सकता, उससे समाज को भी भरोसा है।
आज के दौर में पत्रकारिता की प्रासंगिकता और विश्वसनीयता पर ढेरों सवाल हों, ऐसे समय में राम बहादुर राय, रवीश कुमार, पुण्य प्रसून वाजपेयी जैसे कई दर्जन पत्रकारों की उपस्थिति हमें आश्वस्त करती है कि सारा कुछ खत्म नहीं हुआ है। सही मायने में उनकी मौजूदगी हिन्दी पत्रकारिता की उस परम्परा की याद दिलाती है जो बाबू राव विष्णु पराड़कर से होती हुई राजेन्द्र माथुर और प्रभाष जोशी तक जाती है। मीडिया के बदलते परिवेश की अगर चर्चा की जाए तो आज भी अपने आपमें काफी हद तक अगर किसी ने बदलाव लाया है तो वह हैं, हिन्दुस्तान के सम्पादक शशिशेखर, प्रभात खबर के हरिबंश, नई दुनिया के आलोक मेहता और एनडीटीवी के रवीश कुमार, आज तक के पुण्य प्रसून वाजपेयी, नवभारत टाइम्स के पूर्व सम्पादक विश्वनाथ सचदेव, नई दुनिया के पूर्व सम्पादक मदन मोहन जोशी, इंडिया टूडे के कार्यकारी संपादक और कापी मास्टर जगदीश उपासने, सुरेन्द्र किशोर जैसे कई और नाम हैं। इन्होंने समय के साथ अपने व्यक्तित्व और प्रोफेशन में काफी बदलाव लाया है।
आज मीडिया को जो ताकत मिली है वह मध्यम वर्ग से मिली है। इस वर्ग को हथियार बनाकर बम-बम हो रहा है। उछाले भर रहा है। दुनिया की सर्वाधिक कुपोषितों, बीमारों, बेरोजगारों, निरक्षरों में से एक इस देश भारत की इकोनामी जिस बूम पर है। मीडिया उस बूम से भी ज्यादा उछाल मार रहा है। 2006 में भारत के मीडिया ने 4.2 अरब डालर का लाभ दर्शाया है जो 2015 में 16 अरब डालर तक पहुंच गया है। आज लगभग 10.0 करोड़ घरों तक टीवी सेट की पहुंच है। वह अगले सात वर्षों में लगभग 30 करोड़ घरों में हो जाने का अनुमान है। डीटीएच सिस्टम अभी सिर्फ 30 लाख घरों में है। अगले दशक में लगभग 6 करोड़ घर में पहुंचाने का लक्ष्य है। सरकारी प्रोत्साहन, विदेशी निवेश, कारपोरेट की व्यापारिक संस्कृति, वैश्विक गठजोड़, अधिग्रहण और इन सबको सुगम बनाने के लिए हो रही तकनीकी क्रांति ने भारत के मीडिया को जो रफ्तार और रवानगी दी है। उसके आगे बहुते सारे अग्रगामी सेक्टर पानी भरते नजर आते हैं।
मीडिया की यह छलांग भरती प्रगति टीवी, रेडियो, अखबार, सिनेमा, इण्टरनेट आदि हर क्षेत्र में है। इस प्रगति का संयुक्त सालाना औसत 19 प्रतिशत है। यानी इतनी जो देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि को भी अगले 4 सालों में पीछे छोड़ देगी लेकिन इस पसरते मीडिया के पांवों के नीचे की जमीन कैसी है। किन चीजों पर सवार होकर यह कुलाचे मार रहा है मीडिया इसके कमाऊ तत्व हैं। फैशन, सिनेमा, स्वास्थ्य, व्यापार, विज्ञान, सेल, प्रापर्टी, जीवनशैली, चालू राजनीति, बिकाऊ शर्म आदि। ये वे जिन्सें हैं जिनके रथ पर चढ़कर मीडिया दिनों दिन मोटा हो रहा है। अब यह बताने की जरूरत नहीं है कि मीडिया की इन सारी जिन्सों या मालों की खपत उसी मध्यम वर्ग में होती है जो आज भारत के वैश्विक आधार का मूलाधार बना हुआ है। यही वर्ग मीडिया का नियंता भी है और उपभोक्ता भी। जैसे-जैसे इस वर्ग का विस्तार होगा वैसे-वैसे मीडिया का भी विस्तार होगा।
अब मीडिया की खुशनुमा प्रगति के पलट-पक्ष को भी देखिए। अगर टीवी, अखबार की पहुंच देश के लगभग 30 करोड़ लोगों तक हो चुकी है तो देश के लगभग 1 अरब लोग इस पहुंच से वंचित हैं। यानी की 1 अरब लोगों की इतनी औकात नहंीं है कि वह अखबार खरीदकर पढ़ सकें या घर में टीवी नाम का अजायब घर रख सकें। फैशन, सिनेमा, स्वास्थ्य, व्यापार, विज्ञान, सेल, प्रापर्टी, जीवनशैली, चालू राजनीति, बिकाऊ धर्म आदि इन लोगों की प्राथमिकता में बाध्यतन नहीं है, इसलिए मीडिया को इन तक पहुंचने की जरूरत भी नहीं हैं। यह भी बताने की जरूरत नहीं है कि मीडिया के बारे में जो आंकड़े तैयार किए जाते हैं। वे उसकी पैठ और उसके व्यवसाय को लेकर होते हैं। जिस तरह हमारी मौजूदा अर्थव्यवस्था के प्रणेता और प्रस्तोता भी इसके विस्तार और व्यवसाय के ही आंकड़े प्रस्तुत करते हैं, ऐसा इसलिए है कि दोनों एक-दूसरे के पूरक भी हैं और सहभागी भी। इनका रिश्ता चोली-दामन का है जिसमें एक की वृद्धि दूसरे की वृद्धि से समानुपातिक तौर पर जुड़ी हुई है।
भारतीय पत्रकारिता को समझने से पहले इसे 3 हिस्सों में समझने की जरूरत है। पहली अंग्रेजी पत्रकारिता, दूसरी हिन्दी सहित अन्य भारतीय भाषाओं के बड़े अखबारों की पत्रकारिता और तीसरी क्षेत्रीय अखबारों की पत्रकारिता। पहली, अंग्रेजी की पत्रकारिता तो बाजारवाद को आंधी में बदलने में सहायक ही बनी है और कमोवेश इसने सारे नैतिक मूल्यों और सामाजिक सरोकारों को शीर्षासन करा दिया है। दूसरी श्रेणी में आने वाले हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं के बहुसंस्करणीय अखबार हैं। वे भी बाजारवादी हो हल्ले में अंग्रेजी पत्रकारिता के ही अनुगामी बने हुए हैं। उनकी स्वयं की पहचान नहीं है और वे इस संघर्ष में कहीं सामाजिक सरोकार से जुड़े नहीं दिखते। तीसरी श्रेणी में आने वाले क्षेत्रीय अखबार हैं जो अपनी दयनीय पूंजी के नाते न खास अपील रखते हैं न ही उनमें कोई आंदोलनकारी-परिवर्तनकारी भूमिका निभाने की इच्छा शेष है। यानि मुख्य धारा की पत्रकारिता ने चाहे-अनचाहे बाजार की ताकतों के आगे घूंटने टेक दिएं है।
अगर हम इसके व्यावसायिक पक्ष को देखें तो यह घाटे का सौदा नहीं है। अखबारों की छाप-छपाई, तकनीक-प्रौद्योगिकी के स्तर पर क्रांति दिखती है। वे ज्यादा कमाऊ उद्यम में तब्दील हो गए हैं। अपने कर्मचारियों को पहले से ज्यादा बेहतर वेतन, सुविधाएं दे पा रहे हैं। बात सिर्फ इतनी है कि उन सरोकारों का क्या होगा, उन सामाजिक जिम्मेदारियों का क्या होगा-जिन्हें निभाने और लोकमंगल की भावना से अनुप्राणित होकर काम करने के लिए हमने यह पथ चुना था? क्या अखबार को ‘प्रोडक्ट’ बनने और सम्पादक को ‘ब्राण्ड मैनेजर’ या ‘सीईओ’ बन जाने की अनुमति दे दी जाए? बाजार के आगे लाल कालीन बिछाने में लगी पत्रकारिता को ही सिर माथे बिठा लिया जाए? क्या यह पत्रकारिता भारत या इस जैसे विकासशील देशों की जरूरतों, आकांक्षाओं को तुष्ट कर पाएगी? यदि देश की सामाजिक आर्थिक जरूरतों, जनांदोलनों को स्वर देने के बजाए वह बाजार की भाषा बोलने लगे तो क्या किया जाए? यह चिंताएं आज हमें मथ रही हैं?

साभार— तेजस टूडे

जौनपुर स्पोर्टिंग क्लब ने जीता शिराज-ए-हिन्द क्रिकेट कप

सपा प्रत्याशी मो. जावेद सिद्दीकी ने प्रदान की ट्राफी व नगदी
जौनपुर (सं.) 29 मई। शिराज-ए-हिन्द एजुकेशनल एण्ड सोशल सोसाइटी के बैनर तले नगर के टीडी इण्टर कालेज के महाराणा प्रताप व्यायामशाला के मैदान पर आयोजित 15 दिवसीय शिराज-ए-हिन्द डे रूल आउट क्रिकेट प्रतियोगिता का रविवार को समापन हो गया।
क्रिकेट प्रतियोगिता में पोज एलेवन के कप्तान मिण्टू सिंह
को ट्राफी प्रदान करते मुख्य अतिथि मो. जावेद सिद्दीकी।
छाया-तेजस टूडे
कुल 24 टीमों से सजी प्रतियोगिता का फाइनल मैच पोल एलेवन व जौनपुर स्पोर्टिंग क्लब के बीच हुआ। रोमांचक मैच में जौनपुर स्पोर्टिंग क्लब ने पोल एलेवन को 4 रन से हराकर ट्राफी पर कब्जा कर लिया। समापन समारोह के मुख्य अतिथि जौनपुर सदर विस के सपा प्रत्याशी मो. जावेद सिद्दीकी ने विजेता एवं उपविजेता टीम को ट्राफी एवं नगद पुरस्कार दिया।
इस अवसर पर एमडी सिराज, महबूब खान, रोहित गौड़, आकाश गौड़, नदीम अहमद, आकाश, शिव कुमार गौर, सुनील गौड़, सोनू कुमार, जसवंत वाटसन, जितेन्द्र कुमार, अवनीश कुमार, अतहर खान, मनोज शुक्ला, रमेश प्रजापति, राजीव यादव, पवन यादव, सचिन यादव, सौरभ सिंह, अजय गौड़, मो. दानिश, मो. जफर, डा. फैसल, राजन यादव, बृजेश यादव, विरेन्द्र यादव सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम कासंचालन सभाजीत द्विवेदी प्रखर ने किया।
अन्त में आयोजन समिति के अध्यक्ष एमडी सिराज ने समस्त अतिथियों सहित तमाम सहयोगियों, खिलाड़ियों, खेलप्रेमियों के प्रति आभार व्यक्त किया।



सूचना कानून को ठेंगा दिखा रहे जनसूचना अधिकारी

उजागर हो रहा है अधिकारियों का नक्कारापन
केराकत, जौनपुर (सं.) 29 मई। जनसूचना अधिकार कानून को भले ही सशक्त और प्रभावशाली बनाने की बात होती हो लेकिन हकीकत यह है कि खुद अधिकारी इस महत्वाकांक्षी कानून की धज्जियां उड़ाने का काम कर रहे हैं। जवाबदेही से बचने के लिये अधिकारी न केवल इस कानून की हवा निकाल रहे हैं, बल्कि टाल-मटोल का रास्ता भी अख्तियार करते हुये सही सूचना देने की बजाय अपनी गर्दन बचाने हेतु एक-दूसरे के कंधे पर जवाबदेही तय करके अपना बचाव कर रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला केराकत तहसील क्षेत्र का है जिसमें सीधे तौर पर न केवल सूचना कानून की अवहेलना हुई है, अपितु अधिकारियों का नक्कारापन भी साफ तौर पर उजागर हो रहा है। बताते चलें कि स्थानीय क्षेत्र के तरियारी गांव निवासी अमित कुमार ने जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के अर्न्तगत पिछले वर्ष 17 दिसम्बर को जनसूचना अधिकारी/उपजिलाधिकारी केराकत से दो बिंदुओं पर जानकारी चाही थी।
उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत ग्राम पंचायत तरियारी में ग्राम प्रधान के चुनाव में प्रयुक्त एवं आवंटित मतों की संख्या, बूथवार, मतपत्र पर अंकित नम्बर के साथ प्रारूप में देने सहित ग्राम प्रधान तरियारी के प्रधान पद पर निर्वाचित शीला को प्राप्त मतपत्रों की छाया प्रति जिन पर मतपत्रों का सीरियल नम्बर पठनीय हो, की जानकारी मांगी थी जिसे आज तक उपलब्ध नहीं कराया गया। 
मजे की बात तो यह है कि इस मामले को लेकर वह उपजिलाधिकारी केराकत, खण्ड विकास अधिकारी केराकत व जिलाधिकारी कार्यालय से भी फरियाद लगा चुका है लेकिन सभी ने कांनों में तेल डाल रखा है। हद तो यह है कि जवाब संतोषजनक न देकर एक-दूसरे के कंधे पर जवाबदेही का भार सौंपा जा रहा है जिसे ढोने को कोई तैयार नहीं है।
इसके अलावा 22 दिसम्बर 2005 को अमित कुमार ने जनसूचना अधिकारी राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश सहित जिलाधिकारी से भी इन्हीं दोनों बिंदुओं पर 28 दिसम्बर 2015 को जनसूचना अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगी थी जिसके जवाब में राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश पंचायत एवं नगरीय निकाय ने प्रभारी अधिकारी जनसूचना अधिकारी जिला निर्वाचन कार्यालय पंचायत एंव नगरीय निकाय जौनपुर को सूचना देने के लिये अन्तरित किया था। मजे की बात है कि सभी ने संतोषजनक जवाब देने के बजाय मामले को लटकाये ही रखने में रूचि लिया है।
इस मामले में राज्य निवार्चन आयोग सहित जिलाधिकारी का आदेश भी मातहत अधिकारियों के लिये कोई मायने नहीं रखता है। उपजिलाधिकारी कार्यालय खण्ड विकास अधिकारी को जानकारी देने के लिये कह रहा है तो वह इससे इनकार कर रहा है। कार्यालय कहना है कि उसके यहां कोई ऐसा अभिलेख ही नहीं है। यह तो रही अधिकारियों की कारगुजारी। ऐसे में समझा जा सकता है कि अधिकारी सूचना अधिकार कानून के प्रति गम्भीर और सजग है।

आखिरकार पीछे क्यों हटे उपजिलाधिकारी केराकत!
केराकत, जौनपुर (सं.) 29 मई। उपजिलाधिकारी की हठधर्मिता नहीं तो और क्या कहा जायेगा कि कई दिनों के बाद भी सूचना प्राप्त न होने पर जब प्रार्थी स्वयं उपजिलाधिकारी कार्यालय में उनसे मिलकर सूचना देने का अनुरोध किया तो वह भड़क उठे और बोले दूसरे से मांगों, मै नहीं देता सूचना....।
जिला से लेकर तहसील प्रशासन तथा ब्लाक स्तर तक दौड़ लगाने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया तो थक-हार करके पीड़ित अमित कुमार ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव व ऊर्जा राज्यमंत्री को पत्र भेजकर गुहार लगाते हुये पंचायती राज्यमंत्री से स्वयं मिलकर अपनी व्यथा प्रकट किया तो पंचायती राज्यमंत्री ने जब उपजिलाधिकारी से इस संदर्भ में पूछा तो उन्होंने बड़े ही सधे अंदाज में दो दिनों में सूचना उपलब्ध कराने की बात कही। यही बात जब ऊर्जा राज्यमंत्री ने मोबाइल से उपजिलाधिकारी से 27 दिसम्बर 2015 को की तो उन्होंने इन्हें भी वही दो दिन में सूचना दे देने की बात कह टरका दिया।
अब सहज ही समझा जा सकता है कि एक फरियादी की फरियाद का किस प्रकार से निराकण उपजिलाधिकारी केराकत करते हैं और उनके लिये मंत्री आदि आदेश क्या मायने रखते हैं। इतना ही नहीं, उपजिलाधिकारी कार्यालय की करामात देखिये। गुमराह करने के लिये व अपनी नाकामियों को छिपाने के लिये यशोधरा बनाम श्रीमती शीला के मामले में यशोधरा को मुकदमे के सिलसिले में तारीख की जो सूचना दी गयी, वह भ्रमित करने वाली रही। एक ही सूचना में दो-दो तिथियां दी गयीं, ताकि वह भ्रमित होकर रह जाय। हालांकि ऐसा कुछ हो नहीं पाया।
मजे की बात है कि जब इसकी जानकारी कम्प्यूटरीकृत वाद की प्रिंट कापी निकलवाकर ली गयी तो सब कुछ साफ हो गया कि उपजिलाधिकारी कार्यालय से खेल हो रहा है। वह भी एक पक्ष को लाभ पहुंचाने की नियत से।

मामले को लेकर दायर हुई याचिका
केराकत, जौनपुर (सं.) 29 मई। जनसूचना अधिकार के तहत मांगी गयी जानकारी में बरती जा रही हीला-हवाली व अधिकारियों की हठवादी रवैये से खिन्न होकर मामले को लेकर न्यायालय की शरण ली गयी है।
केराकत तहसील क्षेत्र के तरियारी गांव निवासिनी यशोधरा देवी ने उच्च न्यायालय में यशोधरा प्रति राज्य उत्तर प्रदेश आदि के खिलाफ याचिका दायर करते हुये समूचे प्रकरण में अधिकारियों, खासकर उपजिलाधिकारी केराकत की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़ा किया है।
इसे न्यायालय ने गम्भीरता से लेते हुये त्वरित कार्यवाही के लिये आदेशित किया है। अब देखना यह है कि अधिकारी न्यायालय के आदेश को किस गम्भीरता से लेते हैं और कहां तक उसका अनुपालन सुनिश्चित करते हैं।

निरीक्षण के नाम पर पूर्ति निरीक्षक कर रहे कोटेदारों का शोषण

एसडीएम के आदेश को दरकिनार करके मनमानी पर हैं आमादा
केराकत, जौनपुर (सं.) 29 मई। सरकार भले ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली को व्यवस्थित और कार्डधारकों के हितों को ध्यान में रखकर कार्य करने पर बल देती है लेकिन स्थानीय पूर्ति कार्यालय व पूर्ति निरीक्षक शासन-प्रशासन के आदेश को दरकिनार करके मनमानी पर आमादा हो गये हैं।
हद तो यह है कि वह उपजिलाधिकारी के आदेश को भी नहीं मानते हैं। यहां तक कि उनसे जब मीडियाकर्मी मिलकर किसी बात की जानकारी चाहते हैं तो वह बड़े ही सधे अंदाज में कोई न कोई बहाना बनाकर बच निकलते हैं। क्षेत्र में व्याप्त चर्चाओं पर गौर करें तो पूर्ति निरीक्षक केराकत सतीश कन्नौजिया कोटे की दुकानों पर निरीक्षण के नाम पर उनका आर्थिक शोषण करने से बाज नहीं आते हैं।
सूत्रों की मानें तो आर्थिक शोषण के खिलाफ जब क्षेत्र के कोटेदारों ने एकजुटता का परिचय देते हुये आवाज बुलन्द करनाश्शुरू किया तो उपजिलाधिकारी ने स्पष्ट करते हुये कहा कि सभी लोग शासन की मंशानुसार कार्य करें तथा कार्डधारकों को किसी प्रकार की न परेशानी होने पाये और न ही कोई शिकायत मिले।
उपजिलाधिकारी ने कोटेदारों के शोषण को बंद करने के साथ हरसंभव सहयोग की बात कही लेकिन आश्चर्य की बात है कि उनके आदेश को धता बताकर पूर्ति निरीक्षक मनमानी पर उतारू हैं।
आरोप है कि कोटेदारों से निरीक्षण के नाम पर आर्थिक शोषण कर रहे हैं जिससे उनके खिलाफ आक्रोश पनपने लगा है। अब देखना है कि जिले के उच्चाधिकारी इस बेलगाम अधिकारी पर कब लगाम लगाते हैं?

आखिर किसने लगायी छप्पर में आग?

सुइथाकला, जौनपुर (सं.) 29 मई। सरपतहां थाना क्षेत्र के बुढ़ूपुर गांव में अराजक तत्वों ने रिहायशी छप्पर में आग लगा दी जिससे अन्दर रखा गया गृहस्थी का पूरा सामान जलकर खाक हो गया।
जौनपुर के सरपतहां क्षेत्र में अगी आग
के बाद का दृश्य। छाया-तेजस टूडे
पीड़ित राजधर पुत्र हरगुन द्वारा थाने पर दी गयी लिखित तहरीर में कहा कि पड़ोसी से पुरानी रंजिश चल रही थी। घटना की रात पड़ोस में आये 4 अज्ञात लोगों ने पहले जमकर शराब पिया। बीती रात लगभग 10 बजे हमारे रिहायशी छप्पर में आग लगाकर पड़ोसी वहां से फरार हो गये।

स्थानीय लोगों के सहयोग से काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया लेकिन तब तक भीतर रखा गया 20 हजार रुपये नकदी समेत 2 मोबाइल, 4 बोरी गेंहू, शादी का सामान आदि जलकर राख हो गया। पीड़ित के अनुसार लगभग 90 हजार रुपये की सम्पत्ति जलकर खाक हुई है। पीड़ित की तहरीर पर पहुंची पुलिस प्रकरण की गहनता से पड़ताल कर रही है।


मेधावी बच्चों को 15 जून को सम्मानित करेगा वैश्य एकता परिषद

जौनपुर (सं.) 29 मई। अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद की बैठक रविवार को जिला कार्यालय पर जिलाध्यक्ष की अध्यक्षता में हुई जिसके मुख्य अतिथि श्याम चन्द गुप्ता मण्डलाध्यक्ष रहे। 
इस मौके पर श्री गुप्ता ने बताया कि वैश्य परिवार से 2016 की हाईस्कूल, इण्टरमीडिएट की यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड में 80 प्रतिशत या इससे ऊपर प्राप्तांक वाले छात्रों का चयन करके परिषद द्वारा सम्मानित किया जायेगा। 2016 की हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट की परीक्षा में जनपद में जो भी वैश्य परिवार के छात्र-छात्रा 80 प्रतिशत या इससे ऊपर अंक आये हैं, वे अंक पत्र की छायाप्रति जमा करें जिसकी अंतिम तिथि 10 जून है। सम्मान समारोह 15 जून निश्चित हुआ है।
इसी क्रम में जिलाध्यक्ष ने बताया कि नगर, युवा, जिला, महिला कमेटी भी अतिशीघ्र अपना गठन करें। अन्त में नगर अध्यक्ष अतुल जायसवाल ने आभार जताया।
इस अवसर पर रमाशंकर सेठ, राजेश जायसवाल, संतोष अग्रहरि, मोनू सेठ, विकास अग्रहरि, अश्वनी जायसवाल, हेमन्त, मुकेश साहू, शिवा अग्रहरि, जितेन्द्र गुप्ता, अवधेश गिरी, इन्द्रजीत देववंशी, मोहित वर्मा आदि उपस्थित रहे। बैठक का संचालन अतुल जायसवाल ने किया।

जिला जेल के बंदियों में बांटा फल व साहित्य

जौनपुर (सं.) 29 मई। जिला कारागार के बंदियों के विचार व हृदय में परिवर्तन के उद्देश्य से सामाजिक व आध्यात्मिक संस्था श्री सर्वेश्वरी समूह की जनपद शाखा के बैनर तले जिला जेल में अघोर साहित्य के अलावा फल, हाथ का पंखा, बिस्कुट, मिष्ठान आदि का वितरण किया गया।
जौनपुर के जिला कारागार मंे बंदियों के साथ कार्यक्रम करते
श्री सर्वेश्वरी समूह के पदाधिकारीगण। छाया-तेजस टूडे
कार्यक्रम का शुभारम्भ अधोरेश्वर महाप्रभु अवधूत भगवान राम तथा गुरूपद बाबा संभव राम की आरती, पूजन, अर्चन व जयघोष से हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधान परिषद सदस्य बृजेश सिंह प्रिंसू व विशिष्ट अतिथि अघोर शोध संस्थान के निदेशक डा. अशोक सिंह रहे।

इस दौरान अतिथियों सहित अन्य वक्ताओं ने बंदियों से महाप्रभु के विचारों से प्रेरणा लेने की सीख देते हुये उनके आदर्शों पर चलने का आह्वान किया। अध्यक्षता कारागार अधीक्षक एसके मात्रेय व संचालन शाखा मंत्री ओम प्रकाश सिंह ने किया। अन्त में व्यवस्थापक ओपी सिंह ने सभी के प्रति आभार जताया।
इस अवसर पर डा. अरविन्द सिंह, तेज बहादुर सिंह, समरजीत सिंह, राणा प्रताप सिंह, प्रेम नारायण सिंह, विकास सिंह, अजीत रावत, अश्वनी सिंह, लालता प्रसाद यादव मौजूद रहे।



भाविप ने मनायी वीर सावरकर की जयंती

जौनपुर (सं.) 29 मई। भारत विकास परिषद के अध्यक्ष विक्रम गुप्त के नेतृत्व में नगर के रूहट्टा स्थित कार्यालय पर वीर सावरकर की जयंती मनायी गयी जहां सर्वप्रथम भारत माता व स्वामी विवेकानन्द के चित्र पर पुष्प अर्पित करके वंदेमातरम् गीत हुआ।
वीर सावरकर की जयंती मनाते भारत विकास परिषद
के पदाधिकारीगण। छाया-तेजस टूडे
इस मौके पर श्री गुप्त के अलावा दंत रोग विशेषज्ञ डा. गौरव प्रकाश मौर्य, डा. तुलिका मौर्या, अवधेश गिरि सहित अन्य लोगों ने विनायक दामोदर वीर सावरकर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर अमित निगम, सुरेश गुप्ता, जितेन्द्र गुप्ता, अतुल जायसवाल, अतुल सिंह, अजीत यादव, संजय मौर्या, सतीश, नवीन, मोहित, आलोक तिवारी, राजेश सिंह के अलावा अन्य लोग उपस्थित रहे।


महिला नेत्री ने लोगों से गिनायीं केन्द्र सरकार की उपलब्धियां

जौनपुर (सं.) 29 मई। केन्द्र सरकार के दो वर्ष पूरा होने पर गांव चलो अभियान चलाकर भाजपा कार्यकर्ता सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचा रहे हैं।
जौनपुर के करंजाकला क्षेत्र के औरही गांव में चौपाल
लगाकर केन्द्र सरकार की उपलब्धि बतातीं भाजपा
नेत्री किरन श्रीवास्तव। छाया-तेजस टूडे
इसी क्रम में जनपद के करंजाकला ब्लाक अन्तर्गत औरहीं गांव में रविवार को चौपाल लगाया गया। भाजपा की जिला मंत्री श्रीमती किरन श्रीवास्तव लोगों के बीच मोदी सरकार की 2 साल की उपलब्धि बतायीं। इस दौरान उपस्थित ग्रामीणों के बीच भाजपा कार्यकर्ताओं ने कई योजनाओं पर वार्तालाप किया गया। इस अभियान में वक्ता के रूप में किरन श्रीवास्तव के अलावा माधुरी गुप्ता, विमला श्रीवास्तव आदि थीं।
इस अवसर पर सेक्टर प्रभारी अनिल पाण्डेय, बूथ प्रभारी रोहित श्रीवास्तव, भोला शंकर उपाध्याय, बाबूदीन प्रजापति, हरिश्चन्द्र विश्वकर्मा, मुन्ना यादव, सुन्दर यादव, नन्द लाल विश्वकर्मा, सुनील गिरी, विमला श्रीवास्तव, मिलन श्रीवास्तव सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। अन्त में मण्डल अध्यक्ष रविन्द्र मिश्र ने सभी के प्रति आभार जताया।


जेसीआई शक्ति ने स्कूली बच्चों को दी यूथ की जानकारी

शाहगंज, जौनपुर (सं.) 29 मई। स्थानीय नगर के पुराना चौक में संचालित एमसीए कम्प्यूटर कोचिंग में छात्र-छात्राओं को जेसीआई शाहगंज शक्ति द्वारा इम्पावरिंग यूथ पर जानकारी प्रदान की गयी।
जौनपुर के शाहगंज में आयोजित टेªनिंग कैम्प में टेªनर रूपेश जायसवाल
को सम्मानित करतीं जेसीआई शक्ति की पदाधिकारीगण। छाया-तेजस टूडे
इस दौरान टेªनर जेएफएम रूपेश जायसवाल द्वारा सौ से अधिक बच्चों को टेªनिंग देकर उन्हें लाभान्वित किया गया। श्री जायसवाल ने बच्चांे को समय प्रबन्धन एवं उनके कैरियर से जुड़ीं अनेक बातें बतायीं। साथ ही सवाल-जवाब करते हुये अच्छे प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कृत भी किया।

कोचिंग के संचालक आलोक जायसवाल ने टेªनर श्री जायसवाल का माल्यार्पण कर स्वागत किया तो संस्था अध्यक्ष गीता जायसवाल ने स्मृति चिन्ह भेंट किया। अन्त में सचिव आराधना अग्रवाल ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर गीता जायसवाल, अनीता जायसवाल, अल्का गुप्ता, रीता जायसवाल, पूनम गुप्ता सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।


जनप्रतिनिधियो की उपेक्षा का दंश झेल रहा है भोगीपट्टी

उपेक्षा से आहत ग्रामीणों ने पीएम व सीएम को भेजा पत्र
मुफ्तीगंज, जौनपुर (सं.) 29 मई। स्थानीय विकास खण्ड के ग्रामसभा भोगीपट्टी की उपेक्षा से आहत गांव निवासी विकास तिवारी प्रदेश प्रवक्ता युवा कांग्रेस ने पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री का ध्यान उक्त गांव को आदर्श गांव बनाने के लिये आधारभूत समस्याओं पर आकृष्ट कराया है। साथ ही मुख्यमंत्री व क्षेत्रीय विधायक को पत्र लिखकर उक्त गांव को लोहिया या जनेश्वर मिश्र गांव घोषित किये जाने की मांग किया है।
श्री तिवारी का कहना है कि आजादी के छः दशक बाद भी यह गांव उपेक्षित पड़ा हुआ है जबकि आस-पास के अन्य गांवों का अपेक्षाकृत पर्याप्त विकास हुआ है। भोगीपट्टी में आवास व पेयजल की विकट समस्या है।
क्षेत्र की प्रमुख बाजार मुफ्तीगंज के सबसे निकट का गांव होने के बाद भी आज तक इस गांव को पिच व सीसी रोड के माध्यम से राज्य सड़क से जोड़ने का काम ग्रामवासियों के बार-बार निवेदन के बाद भी किसी जनप्रतिनिधि ने नहीं किया। लगभग 4 हजार की आबादी वाला यह गांव विकास से कोसों दूर है और सतत जनप्रतिनिधियों व सरकारों की उपेक्षा का दंश झेलता चला आ रहा है।
ऐसे में प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री इस गांव की समस्या को गम्भीरता से लें। ग्राम प्रधान अभयराज प्रजापति का कहना है कि चुनाव के दौरान प्रतिनिधि लोक-लुभावने वादे के साथ छलकर ग्रामीणों का वोट लेकर चले जा रहे हैं। यह ग्रामवासियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ है।

साम्प्रदायिक सौहार्द के प्रतीक गणेश शंकर विद्यार्थी

डा. ब्रजेश कुमार यदुवंशी
हिन्दी पत्रकारिता से जुड़े लोगों ने राष्ट्रहित, समाजहित में संघर्षरत रहते हुए साम्प्रदायिक सौहार्द और सद्भाव के लिए अपने प्राणों तक की आहूति दे दी, जिसमें एक प्रमुख नाम है - गणेश शंकर विद्यार्थी जी का। उनके बलिदान पर जोश मलीहाबादी की पंक्तियां बरबस याद आ जाती है
गणेश शंकर विद्यार्थी
इस जमीं को तेरी नापाक न होने देंगे।
तेरे दामन को कभी चाक न होने देंगे।
तुझ को जीते हैं तो गमनाक न होने देंगे।
ऐसी अक्शीर को यूं खाक न होने देंगे।
जी से ठानी है यही, जी से गुजर जाएंगे।
कम से कम वादा ये करते हैं कि मर जाएंगे...।
जब 1931 में कानपुर में बहशियाना हिन्दू-मुस्लिम साम्प्रदायिक फसाद हुए तो अपनी प्यारी जमीन को नापाक होने से बचाने के लिए गणेश शंकर विद्यार्थी ने अपने प्राणों की बाजी लगा दी। पं. जवाहर लाल नेहरु ने अत्यंत मर्मस्पर्शी श्रद्धांजलि में लिखा है : रंज हुआ और दिल को समझाने पर भी दिल समझता नहीं। लेकिन रंज की क्या बात है? गणेश जी जैसे जिए वैसे ही मरे।
महात्मा गांधी ने कहा था मुझे जब उसकी याद आती है तो उससे ईष्र्या होती है। इस देश में दूसरा गणेश शंकर क्यों नहीं होता? कितने ऐसे लोग होंगे जिनमें अपने सिद्धान्तों पर अडिग रहने का साहस होता है, जो मृत्यु का वरण कर सकते हैं पर अपने सिद्धान्तों को नहीं छोड़ सकते? जब कानपुर में दंगे हुए तो लाखों की सम्पत्ति एक दो दिन में नष्ट हो गयी। तब एक दुबला पतला कलम का सिपाही निहत्था मानवता को बचाने सड़कों पर निकल पड़ा। एक मुसलमान और दो हिन्दू स्वयंसेवकों के साथ। बालकृष्ण शर्मा नवीन ने लिखा है : 'कानपुर में अधिकारी दानव हो गये थे, कानपुरवासी दानव हो गये थे। मानवता का अवशेष लुप्त हो गया तो क्या एक मानव कानपुर में बच रहा था।' गणेश शंकर विद्यार्थी महान देशभक्त थे। देश की उदारता की, सहिष्णुता की, वसुधैव कुटुम्बकम की महान परम्पराओं पर उन्हें गर्व था। उनके अखबार प्रताप का तो आदर्श वाक्य - मोटो ही था :
जिसको न निज गौरव तथा
निज देश का अभिमान है
वह नर नहीं नरपशु निरा है,
और मृतक समान है।
प्रताप का पहला सम्पादकीय उनकी संकीर्णता को दूर हटाने की मनोवृत्ति को स्पष्ट करता है। आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना एक नवम्बर 1913 को था, जिस दिन प्रताप का प्रकाशन प्रारम्भ हुआ। गणेश शंकर विद्यार्थी की पत्रकारिता निर्भीक थी तो निष्पक्ष भी थी। वे जब तक सभी तथ्यों की पड़ताल नहीं कर लेते थे तब तक कुछ नहीं लिखते थे। वे पत्रकारों से कहते थे : जब किसी के विरुद्ध लिखो तो यह मानकर लिखो कि वह व्यक्ति तुम्हारे सामने बैठा है और कभी भी तुमसे जवाब तलब कर सकता है। हिन्दी पत्रकारिता ने देश को जोड़ने का काम किया है। अहिन्दी भाषी रहते हुए भी मोहनदास करमचंद गांधी, बाबू विष्णु राव पराड़कर, बालगंगाधर तिलक आदि ने हिन्दी पत्रकारिता को ऊंचाई प्रदान किया। आज हम हिन्दी पत्रकारिता दिवस के बहाने गणेश शंकर विद्यार्थी को नमन करते है।
लेखक जाने माने साहित्यकार व अनुसंधान यात्रा के सम्पादक हैं।

साभार—तेजस टूडे

Saturday 28 May 2016

मनरेगा लोक अदालत में श्रमिकों को दी गयी विभिन्न योजनाओं की जानकारी

5 शिकायतें निस्तारित
उन्नाव। जिले में मनरेगा लोक अदालत का आयोजन किया गया जहां 5 शिकायतों का निस्तारण हुआ। विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में न्यायिक मजिस्टेªट एवं लोक अदालत प्रभारी डा. सुनील सिंह की मौजूदगी में तहसील सदर ब्लाक भवन सभागार में लगी लोग अदालत मंे 5 शिकायतें आईं जो मौके पर लोक अदालत पीठ द्वारा निस्तारित करके सम्बन्धित को कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया। इस मौके पर खण्ड विकास अधिकारी राजमणि त्रिपाठी ने मनरेगा श्रमिकों को शासन द्वारा संचालित शिशु हित लाभ
उन्नाव में आयोजित मेगा लोक अदालत को सम्बोधित
करते न्यायिक मजिस्टेªट डा. सुनील सिंह एवं मंचासीन
अन्य अधिकारीगण। छाया-तेजस टूडे
योजना, मातृत्व हित लाभ योजना, बालिका मदद योजना, अक्षमता पेंशन योजना, दुर्घटना सहायता योजना, पुत्री विवाह अनुदान योजना, मृत्यु एवं अंत्येष्टि सहायता, कौशल विकास तकनीकी उन्नयन, प्रमाणन योजना, आवास सहायता योजना, पेंशन योजना, सौर ऊर्जा सहायता योजना, साइकिल सहायता योजना, गम्भीर बीमारी सहायता योजना एवं मेधावी छात्र योजना के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दिया। साथ ही संदर्भित योजनाओं एवं मनरेगा के अन्तर्गत संचालित योजनाओं का लाभ ग्रहण करने के लिये प्रेरित किया। एडवोकेट कमलेश दीक्षित ने अदालत के आयोजन का उद्ेश्य की जानकारी लोगों को दिया। साथ ही मनरेगा शिकायतों को लोक अदालत में पेश करने की अपील किया। लोक अदालत में उपस्थित मनरेगा श्रमिकों के जॉबकार्ड का निरीक्षण करके उनमें मजदूरी व भुगतान की प्रविष्टियों की जांच की गयी परंतु किसी का कोई जॉबकार्ड फर्जी एवं अपूर्ण नहीं पाया गया। इस मौके पर गिरिजेश पाण्डेय सहित क्षेत्रीय लोग उपस्थित थे।


उद्योग व्यापार मण्डल ने समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को किया सम्मानित

जौनपुर (सं.) 28 मई। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल जौनपुर द्वारा जिलाध्यक्ष श्रवण जायसवाल की अगुवाई में शहीद व्यापारी नेता हरीश चन्द्र अग्रवाल की स्मृति में व्यापारी सम्मान दिवस का आयोजन सब्जी बाजार स्थित जायसवाल धर्मशाला में किया गया जिसमें जनपद जौनपुर के 10 प्रतिष्ठित व सामाजिक सरोकारों से जुड़े व्यापारियों को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्रम् देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उमाकांत त्रिपाठी नगर मजिस्टेªट ने कहा कि व्यापार मण्डल ने इस तरह के आयोजन करके
व्यापारी समाज को प्रोत्साहित करने का काम किया है। वैसे तो व्यापारी हमेशा से देश हित में अपनी कुर्बानी देता रहा है। हमारा देश जब दुश्वारियां झेल रहा था तब भी व्यापारियों के अग्रज भामाशाह जैसे व्यापारियों ने अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया था। जिलाध्यक्ष श्रवण जायसवाल ने कहा कि व्यापार मण्डल प्रत्येक वर्ष व्यापारी सम्मान दिवस का आयोजन करता रहा है। हम आम व्यापारी की भावनाओं के साथ है। व्यापारी हमेशा देश को मजबूती प्रदान करने का काम किया। हम व्यापार मण्डल के लोग अपने सामाजिक सरोकार को जानते हैं, उसी दिशा में बढ़ते हुये हम अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे। उसी का उदाहरण व्यापारी सम्मान दिवस 2016 है। इसी क्रम में युवा जिलाध्यक्ष विवेक सिंह व नगर प्रभारी संजय केडिया ने संयुक्त रूप से कहा कि इस तरह के कार्यक्रम व्यापारियों के हौंसले को बढ़ाने का काम करता है। ऐसे कार्यक्रम कर हम व्यापारियों को मानसिक रूप से मजबूत करने का कार्य करेंगे। जिला उपाध्यक्ष अनवारूल हक गुड्डू व अध्यक्ष आलोक सेठ व जिला युवा महामंत्री प्रदीप सिंह ने आये हुये सभी आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया। सम्मानित होने वाले व्यापारियों में दिवाकर सिंह प्रदेश अध्यक्ष केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन, लालजी निषाद प्रशिक्षक तलवारबाजी, दीपक चिटकारिया, चौधरी हरिशंकर मोदनवाल, अनिल जायसवाल, गुलजार अंसारी, रविशंकर मोदनवाल, सुरेश चन्द्र गुप्ता, सरताज अहमद रहे। इस कार्यक्रम में सुनील गुप्ता, अमरनाथ मोदनवाल, शिव कुमार साहू, हेम सिंह, विजय केडिया, अमर बहादुर सेठ, नीतिन सेठ, कृष्ण गोपाल जायसवाल, परवेज आलम, अमित मोदनवाल, मजहर आसिफ, गुलजारी लाल साहू, राजू जायसवाल, कृष्ण कुमार यादव, जावेद सिद्दीकी, दानिश सिद्दीकी, पवन जायसवाल, ओम प्रकाश जायसवाल, इं. विजय गुप्ता, धर्मेन्द्र रघुवंशी आदि उपस्थित रहे।